मुर्मू अच्छी उम्मीदवार: यशवंत सिन्हा ने NDA की उम्मीदवार की तारीफ की पर आगे ये क्या कह दिया... किसे कहा बलि का बकरा

चुनाव प्रचार करने राजधानी पहुंचे संयुक्त विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा। केंद्र सरकार और भाजपा को लिया आड़े हाथ।

Update: 2022-07-01 11:37 GMT

रायपुर। संयुक्त विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने केंद्र सरकार व भाजपा को आड़े हाथ लिया है। महाराष्ट्र में तख्तापलट पर उन्होंने कहा कि सत्ता की भूख अच्छी नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना को लेकर भी कहा कि योजना पर व्यापक विचार-विमर्श के बाद केंद्र सरकार को निर्णय लेना था। उन्होंने केंद्र सरकार से इस पर फिर से विचार कर निर्णय लेने का आग्रह किया है।

अच्छे और बेहतर में फर्क

सिन्हा से जब यह सवाल किया गया कि उनकी पत्नी नीलिमा सिन्हा ने एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को अच्छा उम्मीदवार बताया है, तब सिन्हा ने कहा कि उनकी पत्नी का यह बड़प्पन है कि उन्होंने मुर्मू को अच्छा उम्मीदवार बताया है। मैं भी उन्हें अच्छा उम्मीदवार कहता हूं, लेकिन अच्छा और बेहतर में फर्क होता है। मुर्मू के आदिवासी महिला उम्मीदवार होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सवाल आइडेंटिटी का नहीं, बल्कि आइडियोलॉजी का है। संयुक्त विपक्ष की ओर से तीसरे उम्मीदवार के संबंध में पूछे गए सवाल पर उन्होंने चुटकी ली। सिन्हा ने मीडिया प्रतिनिधि से कहा कि आप कह रहे हैं कि मैं बलि का बकरा बन गया, लेकिन उन्होंने आगे कहा कि जिस संघर्ष में वे हैं, उसमें यदि विपक्ष उन्हें दसवां उम्मीदवार बनाता तो भी वे बन जाते। आगे पढ़ें...भाजपा को लेकर क्या कहा?

भाजपा वह पार्टी नहीं रही

यशवंत सिन्हा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा अब वह पार्टी नहीं रही, जिसके वे सदस्य थे। वह सरकार भी नहीं रही, जिसके अंग थे। सिन्हा ने दावे के साथ कहा कि आज की भाजपा वह भाजपा नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा पहले दल के भीतर सहमति में विश्वास करती थी। इसके बाद दल के बाहर विश्वास बनाने की कोशिश करती थी। अटल सरकार का एक किस्सा शेयर करते हुए सिन्हा ने कहा कि जब अमेरिका और ईराक के बीच युद्ध हुआ, तब अमेरिका की ओर से भारत पर फौज भेजने का दबाव था। उस समय सरकार फौज भेजने के लिए सहमत नहीं थी। इसके बाद अमेरिका ने मेडिकल टीमें भेजने की मांग रखी। तब सरकार ने सभी दलों की बैठक बुलाई। इसमें यह तय किया गया कि भारत मेडिकल टीमें भी नहीं भेजेगा। ऐसे अनेक किस्से हैं, जिसमें सबकी सहमति से निर्णय लिया गया।

आडवाणी अब वयोवृद्ध, नहीं मिले

सिन्हा ने कहा कि वे लालकृष्ण आडवाणी से मिलना चाहते थे, लेकिन ऐसी बीमारी फैली है, जिसमें सबको सावधानी बरतने की जरूरत है। आडवाणी जी वयोवृद्ध हो गए हैं। मैंने फोन किया था, तब उनकी बेटी से बात हुई थी। उन्होंने बताया कि उस बीमारी के कारण आडवाधी जी किसी से नहीं मिल रहे हैं। डॉ. मुरली मनोहर जोशी से चर्चा या मुलाकात के संबंध में सिन्हा ने बताया कि उनसे अभी बात नहीं है। 18 जुलाई को मतदान में अभी समय है।

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