छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री गणतंत्र दिवस का झंडा जगदलपुर में क्यों फहराते हैं, बिलासपुर, दुर्ग सरगुजा में क्यों नहीं?
रायपुर, 24 जनवरी 2022। संवैधानिक व्यवस्था के तहत स्वंतत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री राजधानी में झंडारोहण करते हैं और गणतंत्र दिवस पर राज्यपाल। सभी राज्यों में यही होता है। दिल्ली में भी स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री लाल किले के प्राचीर पर झंडा फहराते हैं और गणतंत्र दिवस को राष्ट्रपति राजपथ पर झंडारोहण के बाद सलामी लेते हैं।
छत्तीसगढ़ बनने के बाद प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी अपने गृह जिला बिलासपुर में गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराते थे। मरवाही के होने के कारण जोगी को बिलासपुर से काफी लगाव था। भाषणों में वे खुद को बड़े गर्व से बिलसपुरिया कहते थे। उनका कोई हफ्ता ऐसा नहीं गुजरता था, जब वे बिलासपुर का एक चक्कर नहीं लगा लेते थे। मगर जोगी सरकार की विदाई के बाद बिलासपुर इस सम्मान से हमेशा के लिए वंचित हो गया। उसके बाद वहां कोई मुख्यमंत्री एक बार भी झंडा फहराने नहीं गया।
2003 में बीजेपी की सरकार बनीं और डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री चुने गए। भाजपा के सरकार मे आने के बाद मुख्यमंत्री गणतंत्र दिवस पर जगदलपुर में झंडा फहराने लगे। दरअसल, 2003 के चुनाव में बीजेपी को बस्तर की 12 में से 11 सीटें मिली थी, इसको देखते भाजपा सरकार ने बस्तर को प्राथमिकता देनी शुरू कर दी। राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री को जगह बदलकर झंडारोहण करना चाहिए। एक रिटायर ब्यूरोक्रेट्स ने सवाल उठाया कि बिलासपुर, दुर्ग और सरगुजा भी तो संभाग मुख्यालय है। सरगुजा भी आदिवासी इलाका है। उसके साथ अन्याय क्यों? बिलासपुर के समाजसेवी अनिल तिवारी भी मानते हैं कि बिलासपुर दूसरे नम्बर का शहर है, इसका सम्मान होना चाहिए। तिवारी अपनी बात में जोड़ते हैं, रोटेशन के आधार पर जिला या संभाग मुख्यालयों को सीएम के गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराने के लिए चुना जा सकता है।