झीरम का सच क्या?.. विधानसभा स्पीकर बोले- जो भी दोषी हैं, उसका पटाक्षेप किया जाना चाहिए; नेता प्रतिपक्ष ने मिश्रा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की
विधानसभा में ‘श्रद्धांजलि: झीरम के वीरों को’ किताब का विमोचन
रायपुर, 25 मई 2022। 25 मई 2013 को झीरम घाटी में नक्सल हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के शीर्ष नेताओं समेत 32 लोग शहीद हो गए थे। यह नक्सल घटना थी या कोई राजनीतिक साजिश...इस पर अब तक पर्दा नहीं उठ पाया है। विधानसभा स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने बुधवार को विधानसभा में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि इस घटना के तह तक जाने की आवश्यकता है। इसके लिए जो भी दोषी हैं, उसका पटाक्षेप किया जाना चाहिए, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। इधर, कांग्रेस के आरोपों पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने फिर दोहराया है कि जस्टिस प्रशांत मिश्रा आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए।
झीरम घाटी हत्याकांड की 9वीं बरसी पर आयोजित कार्यक्रम में विधानसभा स्पीकर डॉ. महंत भावुक हो गए। उन्होंने शहीदों को श्रद्वांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह घटना मानवीय बर्बरता का ऐसा अध्याय है, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया था। उन्होंने कहा कि वे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के सपनों में पले लोग हैं। उन्होंने इस घटना को स्मरण करते हुए कहा कि वे स्वयं इस यात्रा में सम्मिलित थे, लेकिन केंद्रीय राज्य मंत्री होने के नाते आवश्यक कार्य से उसी दिन पुणे में कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए रवाना हुए थे।
महंत ने कहा कि झीरम घाटी के शहीदों के परिजनों का सम्मान करने के साथ-साथ उन्हें सहायता भी उपलब्ध कराई जानी चाहिए, जिससे शहीदों के परिजन व परिवारों को न्याय मिल सके। इससे पहले विधानसभा परिसर स्थित डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी प्रेक्षागृह में झीरम घाटी के शहीदों के परिजनों के सम्मान में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान विपिन त्रिपाठी द्वारा लिखित पुस्तक 'श्रद्धांजलि: झीरम के वीरों को' का विमोचन भी किया। इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर, अमितेष शुक्ल, गुरूमुख सिंह होरा, राजकमल सिंघानिया, रायपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राजेन्द्र तिवारी व विधान सभा के सचिव दिनेश शर्मा भी उपस्थित थे।