झीरम से किस बात का डर?..मंत्री डहरिया ने पूछा- कौन सा सच है, जिसके बाहर आने से बीजेपी के कुत्सित चेहरे से नकाब हट जाएगा?

झीरम घाटी मामले की जांच के लिए गठित नए आयोग को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक द्वारा दी गई चुनौती पर कांग्रेस ने बोला हमला।

Update: 2022-04-30 12:52 GMT

रायपुर, 30 अप्रैल 2022। झीरम घाटी कांड की जांच के लिए गठित न्यायिक जांच आयोग को निरस्त करने के संबंध में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक की याचिका पर कांग्रेस ने सवाल किया है कि ऐसा कौन या सच है, जिसके बाहर आने से तत्कालीन बीजेपी सरकार के कुत्सित चेहरे से नकाब हटने का डर है? राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव डहरिया ने कहा कि जैसे ही झीरम घाटी कांड की जांच की बात आती है, तब पता नहीं भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं के पेट में दर्द होने लगता है। किसी न किसी प्रकार से वे इसकी जांच को बाधित करने में जुट जाते हैं। क्या कौशिक इस बात से डरते हैं कि उनके आका, तत्कालीन सीएम डॉ. रमन सिंह की सरकार की नाकामी, उनके द्वारा कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा को सुरक्षा मुहैया करवाने में बरती गई घोर लापरवाही सामने आ जाएगी।

ऊपरवाले की अदालत में काम नहीं आएगा पिटीशन

मंत्री डॉ. डहरिया ने कहा कि भाजपा न्यायिक जांच आयोग का विरोध कर न्याय की आशा का गला घोंट रही है। उन सभी शहीदों की शहादत का अपमान कर रही है। नेताओं की दुखद मृत्यु का उपहास उड़ा रही है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक यह याद रखें कि एक ऊपर वाले की अदालत भी होती है। शहीदों के परिजनों के आंसुओं ने भगवान की अदालत में जो पिटीशन लगाई है, उस पर ईश्वर ने आपके पापों की सुनवाई कर रखी है और उसने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। आप न्यायिक जांच आयोग के गठन का विरोध कर सकते हैं, लेकिन ऊपर वाले की अदालत में आपकी कोई पिटीशन काम नहीं आएगी।

षड्यंत्रकारियों को क्यों बचाना चाह रही है भाजपा

कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने नए जांच आयोग की वैधानिकता के संबंध में अदालत में जो सवाल खड़े किए हैं, उसका जवाब अदालत में दिया जाएगा, लेकिन नैतिकता का सवाल खड़ा होता है कि भाजपा झीरम मामले की जांच को क्यों बाधित करना चाहती है? झीरम के सच को सामने क्या आना नहीं देना चाहती? षड्यंत्रकारियों को क्यों बचाना चाहती है? इस दौरान प्रवक्ता आरपी सिंह, आरडीए उपाध्यक्ष शिव सिंह ठाकुर, घनश्याम राजू तिवारी, धनंजय सिंह ठाकुर, सुरेंद्र वर्मा, वंदना राजपूत, नितिन भंसाली, मणि प्रकाश वैष्णव, अजय गंगवानी आदि मौजूद थे।

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