Vishnudeo Cabinet Reshuffle: छत्तीसगढ़ में मंत्रियों का एक पद बढ़ाने पर सहमति, मंत्रिमंडल विस्तार इसी हफ्ते! रायपुर से पुरंदर मिश्रा बन सकते हैं 13वें मंत्री...

Vishnudeo Cabinet Reshuffle: छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव कैबिनेट का विस्तार इस हफ्ते किसी भी दिन हो सकता है। इसी सिलसिले में बीजेपी के संगठन मंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश प्रभारी नीतीन नबीन रायपुर पहुंच रहे हैं। समझा जाता है कि वे तीन मंत्रियों का नाम का लिफाफा लेकर आएंगे। बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने मंत्रियों की संख्या 12 से बढ़ाकर 13 करने की मंजूरी दे दी है।

Update: 2025-04-07 06:26 GMT

Vishnudeo Cabinet Reshuffle: रायपुर। सत्ता के गलियारों से जैसी कि खबरें आ रही है...छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित विस्तार इस हफ्ते हो जाएगा। पता चला है, मंत्रिमंडल के विस्तर के विषय को लेकर भाजपा के संगठन मंत्री शिवप्रकाश और प्रदेश प्रभारी नीतीन नबीन कल 8 अप्रैल को रायपुर पहुंच रहे हैं। कहा तो ये भी जा रहा कि वे मंत्रियों के नाम का लिफाफा लेकर आ रहे हैं।

मंत्रिमंडल विस्तार में एक बड़ा अपडेट यह आया है कि छत्तीसगढ़ में अब हरियाणा मॉडल पर 13 मंत्री बनाए जाएंगे। हरियाणा में भी 90 विधायक हैं। वहां 13 मंत्री बनाए गए हैं। जबकि, छत्तीसगढ़ में 12 ही हैं। छत्तीसगढ़ में पहले कभी इसके लिए प्रयास नहीं किया गया। कुल विधायकों के हिसाब से 15 परसेंट में साढ़े बारह मंत्री होते हैं। इसलिए हरियाणा ने 13 मंत्री करा लिया।

बताते हैं, इसी आधार पर छत्तीसगढ़ में भी 13 मंत्री बनाए जाने पर बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व सहमत हो गया है। याने मुख्यमंत्री प्लस 13 मंत्री। इस समय मुख्यमंत्री प्लस 10 मंत्री हैं। हालांकि, 21 दिसंबर 2023 को शपथ 11 मंत्रियों का हुआ था। मगर बृजमोहन अग्रवाल के सांसद चुने जाने के बाद उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और इसके साथ मंत्रिमंडल में रिक्त सीटों की संख्या बढ़कर एक से दो हो गई।

चूकि इतने छोटे मंत्रिमंडल में दो मंत्रियों की कमी काफी होती है। करीब 10 परसेंट। इससे मंत्रियों के कामकाज पर भी प्रभाव पड़ रहा है। स्थिति यह है कि जिन मंत्रियों में एक विभाग संभालने की क्षमता नहीं, उन्हें दो-दो, तीन-तीन विभाग मिल गए हैं। मंत्री विभागों के बोझ से दबे हुए हैं।

दोनों उप मुख्यमंत्रियों के पास सबसे अधिक वर्क लोड है। डिप्टी सीएम अरुण साव के पास अरुण साव के पास पीडब्लूडी, नगरीय प्रशासन और पीएचई है। ये तीनों विभाग कभी भी किसी एक मंत्री के पास नहीं रहा। कोई कितना भी काबिल मंत्री हो, ये तीनों विभाग नहीं संभाल सकता। इनमें सबसे छोटा विभाग पीएचई में ही 25 हजार करोड़ का जलग्रहण मिशन का कार्य चल रहा है। यही हाल दूसरे डिप्टी सीएम विजय शर्मा का है। उनके पास गृह, जेल के साथ ही पंचायत और तकनीकी शिक्षा है। ये तीनों विभाग एक मंत्री संभाले ये कतई संभव नहीं।

किसी मंत्री को ड्रॉप नहीं

इस बार किसी मंत्री को ड्रॉप नहीं किया जाएगा। बीजेपी के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि सवा साल का टाईम बहुत कम होता है। किसी भी स्टेट में सिर्फ परफर्मेंस के आधार पर साल भर में मंत्री नहीं बदला जाता। अगर कोई बड़ा स्कैम या स्कैंडल सामने आ जाए तभी मंत्रियों को इतना जल्द हटाया जाता है। जाहिर है, अगर साल भर में मंत्री बदलने लगे तब तो फिर खौफ में आकर मंत्री काम ही नहीं कर पाएंगे। फिर पार्टी नेतृत्व के सलेक्शन पर भी सवाल खड़े होंगे कि बिना होम वर्क के मंत्री कैसे बना दिया गया। इसलिए किसी मंत्री को हटाया नहीं जाएगा। विभाग जरूर बदले जाएंगे।

तीन मंत्री कौन?

विष्णुदेव कैबिनेट में तीन नए मंत्रियों में दो नाम तो पुराने ही हैं। पुराने से मतलब ये दोनों नाम पिछले तीन महीने से पब्लिक डोमेन में हैं। इनमें अमर अग्रवाल और गजेंद्र यादव हैं। दोनों नाम अभी भी चर्चा में बने हुए हैं। अमर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पसंद हैं तो गजेंद्र पार्टी के। संघ पृष्ठभूमि के गजेंद्र को बिहार इलेक्शन के संदर्भ में मंत्री बनाना आवश्यक माना जा रहा है। बिहार में विधानसभा चुनाव है और बीजेपी इस बार वहां कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। मुसलमान और यादवों का गठजोड तोड़े बिना बिहार में बीजेपी सरकार नहीं बना सकती। लिहाजा, यादवों को अपने पाले में करने के लिए बीजेपी पूरे देश में यादव कार्ड खेल रही है। मध्यप्रदेश में मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया।

विष्णुदेव कैबिनेट के तीसरे मंत्री के लिए रायपुर विधायक राजेश मूणत और पुरंदर मिश्रा की प्रबल दावेदारी थी। मगर अब ऐसा कहा जा रहा है कि पुरंदर मिश्रा का नाम लगभग फायनल हो गया है। पुरंदर के लिए देश भर से ओड़िसा समाज का प्रेशर है। विधानसभा चुनाव के दौरान जब पुरंदर मिश्रा को टिकिट मिली तो उस समय भी इसी प्रेशर की चर्चा थी।

कांग्रेस से बीजेपी में आने वाले पहले मंत्री

पुरंदर मिश्रा अगर मंत्री बनते हैं तो छत्तीसगढ़ बनने के बाद कांग्रेस से बीजेपी में आकर मंत्री पद प्राप्त करने वाले वे पहले व्यक्ति होंगे। अभी तक कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होकर कोई नेता मंत्री पद तक नहीं पहुंचा। बहरहाल, पुरंदर मिश्रा के मंत्री बनने के बाद पांच बार के विधायक धर्मजीत सिंह की भी आगे चलकर मंत्री बनने की संभावनाएं बन सकती है।

Tags:    

Similar News