वीडियो-नुपूर के बयान पर कई शहरों में हिंसा और आगजनी, रांची में कर्फ्यू, हावड़ा में पुलिस चौकी को आग के हवाले, कई पुलिस वाले जख्मी

Update: 2022-06-10 13:10 GMT

नईदिल्ली 10 जून 2022। बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान के बाद देश के कई शहरों में हिंसा भड़क गया है। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद कई शहरों में प्रदर्शनकारी सड़कों पर निकल आए। प्रयागराज में जहां जमकर तोड़फोड़ हुई वहीं, रांची में आगजनी की घटना के बाद प्रशासन ने कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया। उधर, हावड़ा में प्रदर्शनकारियों ने पत्थरबाजी करने के बाद पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया। हिंसा में कई पुलिस वाले घायल हुए हैं। 

दिल्ली के जमा मजीद में शुक्रवार को नमाज के लिए आये लगभग 1500 लोग नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू किया। इस दौरान भारी मात्रा में पुलिस बल भी तैनात किया गया।

वहीं पश्चिम बंगाल के कुछ शहरों में भी ये प्रदर्शन देखने को मिला है।

नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के खिलाफ पंजाब के लुधियाना में जामा मस्जिद के आह्वान के बाद पूरे पंजाब में विरोध प्रदर्शन हुए। इस दौरान पैगंबर का अपमान करने वालों की गिरफ्तारी की मांग की गई। इसके अलावा हैदराबाद में मक्का मस्जिद के बाहर नूपुर शर्मा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। जिसमें पुलिस ने हस्तक्षेप करके प्रदर्शनकारियों को मौके से तितर-बितर किया। इलाके में पुलिस बल और सीआरपीएफ तैनात है।

झारखण्ड में भी प्रदर्शन..

प्रयागराज में भी जुमे की नमाज के बाद नुपुर शर्मा के खिलाफ लोगों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान लोगों ने नारेबाजी भी की। इस क्रम में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया।

कानपुर में जहां शांति रही वहीं सहारनपुर में जुमे की नमाज के बाद लोगों ने घंटाघर तक विरोध जुलूस निकाला और फिर नारे लगाकर रोड पर जाम लगा दिया। सहारनपुर की जामा मस्जिद में हजारों की संख्या में नमाजियों ने नमाज पढ़ने के बाद मस्जिद के बाहर नारेबाजी की। साथ ही प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए पुलिस को हल्का बल का भी प्रयोग करना पड़ रहा है। यूपी के कानपुर धारा 144 लागू है। ऐसे में हिंसा प्रभावित इलाके का दौरा करने पहुंचे केरल के IUML सांसद मोहम्मद बशीर को कानपुर पुलिस ने वापस लौटा दिया है।

प्रदर्शन को लेकर जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा कि मस्जिद कमेटी की ओर से प्रदर्शन का कोई आह्वान नहीं किया गया था। कल जब लोग विरोध करने की योजना बना रहे थे तो हमने उनसे स्पष्ट रूप से कहा था कि जामा मस्जिद (समिति) से विरोध का कोई आह्वान नहीं है। हम नहीं जानते कि विरोध करने वाले कौन हैं। मुझे लगता है कि ये ओवैसी के लोग हैं। हमने स्पष्ट कर दिया कि अगर वे विरोध करना चाहते हैं, तो वे कर सकते हैं, लेकिन हम उनका समर्थन नहीं करेंगे।

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