वीडियो: सेंट्रल जेल से कालीचरण की रिहाई टली, ढोल-ताशे की धुन पर नाच रहे समर्थक मायूस होकर लौटे...लगाया ये आरोप...
रायपुर 3 अप्रैल 2022। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में जेल में बंद कालीचरण महाराज की रविवार को भी रिहाई नहीं हो सकी। उनके समर्थक शाम से ही सेंट्रल जेल परिसर के बाहर ढोल-ताशे के साथ नाच रहे थे। महाराष्ट्र से कालीचरण के परिजन भी आए थे। उनकी आंखों में खुशी के आंसू थे, लेकिन महाराष्ट्र के ठाणे कोर्ट से जमानत आदेश की कॉपी नहीं मिलने का हवाला देकर जेल प्रशासन ने रिहा करने से इंकार कर दिया। आखिरकार दूसरे दिन भी उनके समर्थक मायूस होकर लौट गए। कालीचरण को हाईकोर्ट से जमानत मंजूर होने के बाद शनिवार को ही जमानत पर बाहर आने के संकेत थे, लेकिन दस्तावेज अधूरे होने के कारण ट्रायल कोर्ट से जमानत नहीं हो पाई। इस वजह से शनिवार को भी समर्थक मायूस होकर लौटे थे। इस पूरे मामले को लेकर हिंदूवादी संगठनों ने राज्य सरकार के दबाव में जान-बूझकर रिहा नहीं करने का आरोप लगाया है। एक प्रतिनिधिमंडल डीजी जेल से भी मिलने रवाना हुआ, लेकिन बात नहीं बनी। बता दें, कि 90 दिन से ज्यादा समय से जेल में बंद कालीचरण को हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सशर्त जमानत दी है। एक लाख रुपए का निजी बांड व 50-50 हजार रुपए जमा करने वाले दो जमानतदार पेश करने पर जमानत देने के निर्देश हैं।
सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में पहुंचने की गई थी अपील
कालीचरण महाराज की रिहाई पर उनके समर्थकों द्वारा शक्ति प्रदर्शन की तैयारी थी। भाजपा के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने, पार्षद विश्वदिनी पांडेय आदि ने सोशल मीडिया पर सेंट्रल जेल के बाहर जुटने का आह्वान किया था। उनके साथ विश्व हिंदू परिषद से जुड़े कार्यकर्ता बड़ी संख्या में जुटे थे। हालांकि रिहाई नहीं हो सकी। इससे पहले कालीचरण की रिहाई के बाद धर्म संसद के आयोजकों से मिलने की तैयारी थी। सोमवार को इस मामले में कालीचरण की रेगुलर पेशी है। इसमें शामिल होने के बाद रिहाई होने की स्थिति में महाराष्ट्र रवाना होंगे।