Video: Chhattisgarh Tigress: ग्रामीणों पर हमला करने वाली बाघिन को छोड़ा गया अचानकमार टायगर रिजर्व, CM भूपेश ने ट्वीट वीडियो की शेयर

Update: 2023-04-29 12:39 GMT

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में रेस्क्यू किये गए बाघिन आज तड़के अचानकमार टायगर रिजर्व में छोड़ दिया गया है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर दी है। नीचे पढ़ें सीएम भूपेश का ट्वीट...

मालूम हो कि पिछले एक माह पहले मार्च महीने में बाघिन ने सूरजपुर में कई ग्रामीणों पर हमला किया था। हमले में दो की मौत भी हुई थी। बाघिन को लेकर ग्रामीणों में दहशत भी था। इधर लगातार वन विभाग की टीम बाघिन की तलाश कर रही थी। 28 मार्च को ट्रैंक्विलाइजर से बेहोश कर बाघिन को सूरजपुर के कुदरगढ़ में वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू किया था।

बाघ के पकड़े जाने की खुशी में कुदरगढ़ इलाके के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली थी। घायल बाघिन को उपचार के लिए रायपुर के जंगल सफारी लाया गया था। यहां पर चले उपचार के बाघिन को स्वास्थ्य हालत में 29 अप्रैल को तड़के सुबह 3:40 को अचानकमार टायगर रिजर्व के उपयुक्त रहवास में छोड़ा गया।

CM ने अपने ट्वीट में बताया कि अचानकमार टायगर रिजर्व में बाघों की जनसंख्या में वृद्धि किये जाने निकटस्थ राज्य मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के टायगर रिजर्व से 2 मादा, 1 नर व्याघ्रों को लाने की प्रक्रिया चल रही है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप वनमंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देशन में अचानकमार टायगर रिजर्व में बाघों की जनसंख्या में वृद्धि किये जाने हेतु विशेष प्रयास जारी है। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सुधीर कुमार अग्रवाल के कुशल मार्गदर्शन में आज अचानकमार टायगर रिजर्व में बाघिन को रिलीज किया गया।

इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) सुधीर कुमार अग्रवाल ने बताया है कि अचानकमार टायगर रिजर्व में निकटस्थ राज्य मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र के टायगर रिजर्व से 2 मादा एवं 1 नर व्याघ्रों को लाने की प्रक्रिया चल रही है, इस बीच सूरजपुर वनमण्डल से रेस्क्यू की गई मादा बाघिन को अचानकमार टायगर रिजर्व में छोड़ा जाना एक सुखद संयोग है। मानक प्रचालन प्रक्रिया अनुसार 28 अप्रैल को वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम द्वारा बाघिन को रेडियो कॉलर लगाया गया एवं तत्पश्चात मादा बाघिन को उचित रहवास में सफलतापूर्वक छोड़ दी गई है ।

प्राकृतिक रहवास में मुक्त किये जाने के पश्चात आगामी एक माह तक मादा बाघिन के मूवमेंट का पता लगाने के लिए उपयुक्त निगरानी तंत्र स्थापित किया गया है। इस हेतु मैदानी अमले को पन्ना टायगर रिजर्व में विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। भारतीय वन्यजीव संस्थान के दो रिसर्च स्कॉलर एवं वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम भी विशेष रूप से तैनात की गई है। प्राकृतिक रहवास में छोड़े जाने के पूर्व क्षेत्र के ग्रामवासियों से भी चर्चा कर विश्वास में लिया गया है। इस मादा बाघिन के अचानकमार में स्थापित होने से अचानकमार में बाघों की संख्या में वृद्धि होने के लिए विभाग आशान्वित है।

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