मुख्य सचिव और ACS के खिलाफ गैर जमानती वारंट: हाईकोर्ट की अवमानना के मामले में वित्त सचिव और विशेष सचिव हिरासत में लिए गए, ब्यूरोक्रेसी सन्न
NPG ब्यूरो. ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मचाने वाली यह खबर उत्तर प्रदेश की है. हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना के मामले में बुधवार को वित्त सचिव एसएमए रिजवी और विशेष सचिव (वित्त) सरयू प्रसाद मिश्रा को हिरासत में ले लिया गया. वहीं, मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा और एसीएस (वित्त) प्रशांत त्रिवेदी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है. गुरुवार को दोनों को कोर्ट में पेश होना था.
कल जब यह खबर आई कि हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में वित्त सचिव और विशेष सचिव को हिरासत में लेने के निर्देश दिए हैं तो पूरी ब्यूरोक्रेसी सन्न रह गई. ऐसा पहली बार हुआ था कि हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए तत्काल हिरासत में लेने के निर्देश दिए थे. हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका लगाई गई, जिसके बाद दोनों अधिकारियों को देर रात रिहा कर दिया गया. साथ ही, मुख्य सचिव और एसीएस के खिलाफ वारंट पर भी स्टे लगा दिया है.
रिटायर्ड जजों की सुविधा में वृद्धि का मामला
यह पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जजों की सुविधा में वृद्धि से जुड़ा है. इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. याचिका में प्रस्ताव दिया गया था कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जजों की सुविधाओं में बढ़ोतरी की जाए. इसके अंतर्गत रिटायर्ड जजों को घर के कामकाज के लिए घरेलू सहायक देने की मांग की गई थी.
इस पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चार अप्रैल को अधिकारियों को निर्देश जारी किए थे. हाईकोर्ट के निर्देशों का वित्त विभाग द्वारा पालन नहीं किया गया. इसके खिलाफ हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई थी. हाईकोर्ट ने बुधवार को इसी याचिका की सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश के वित्त सचिव रिजवी और विशेष सचिव (वित्त) मिश्रा को हिरासत में लेने का निर्देश दिया था.