दो सीनियर मंत्रियों ने पहली बार विधानसभा सचिवालय को लिया निशाने पर, सदन में स्पीकर ने सरकार के खिलाफ दिखाए तेवर
रायपुर, 22 मार्च 2022। जमीन गड़बड़ी मामले में लगे ध्यानाकर्षण में विधायक का नाम आने से विधानसभा में आज गरमागरम बहस हुई। सत्ता प़क्ष को आपत्ति इस बात को लेकर थी कि विधायक के भाई के खिलाफ गड़बड़ी का आरोप है तो ध्यानाकर्षण में विधायक का नाम क्यों लिखा है। उधर, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने भी बजट सत्र में सरकार के खिलाफ तीखे तेवर दिखाए। कई बार तो सत्ता पक्ष स्पीकर के फैसले से सन्न रह गया।
आज जमीन गड़बड़ी पर भाजपा विधायक शिवरतन शर्मा ने ध्यानाकर्षण लगाया था। सदन में विधानसभा सचिवालय द्वारा विषय में लिखा था फलां विधायक के भाई फलां...।
इस ध्यानाकर्षण पर भारसाधक मंत्री मोहम्मद अकबर ने तीखी आपत्ति करते हुए कहा, यह सही परंपरा की शुरुआत नहीं है.. आखिर विधायक का ज़िक्र क्यों.. आप संबंध क्यों बता रहे हैं..ऐसे में यदि यह परंपरा स्थापित हुई तो बात आगे बिगड़ेगी" विधायक के नाम का ज़िक्र होने पर ध्यानाकर्षण को पेश करने वाले विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा, यह विषय इसी रुप में समाचारों में लिखा गया है, इस पर वरिष्ठ सदस्य सत्यनारायण शर्मा ने नाराज़गी जताई और कहा "यह बिलकुल सही नहीं है, कि आप विधायक के नाम का ज़िक्र करें.. यह कल आप लोगों के साथ होगा तो"
इस पर विधायक शिवरतन शर्मा बोले, "यदि यह चूक हैं तो सचिवालय को देखना था" इस पर संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा, यह चकित करने वाला मसला है, विधानसभा सचिवालय बहुत कुछ विलोपित करता है...यह कैसे विलोपित नहीं हुआ"
इसके बाद आसंदी में सभापति मनोज मंडावी से माँग की गई कि पूरी चर्चा विलोपित की जाए इस पर विपक्ष ने आपत्ति की लेकिन विधायक का नाम विलोपित किया जाने पर विपक्ष सहमत हो गया। जिसके बाद आसंदी ने विधायक का नाम विलोपित करने का आदेश दिया। यह पहली बार हुआ कि मंत्रियों ने विधानसभा सचिवालय को विधायक का नाम विलोपित न करने पर विधानसभा सचिवालय को लिया निशाने पर।
इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत ने आज दूसरे दिन तेवर दिखाया। प्रश्नकाल में बीज विकास निगम द्वारा ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को भुगमान करने पर विधानसभा की कमेटी से जांच का ऐलान कर दिया। हालांकि, रविंद चौबे ने कहा कि वे इसकी जांच कराने तैयार हैं। इसके बाद स्पीकर महंत ने विधानसभा की समिति से जांच कराने की घोषणा कर दिया। कल भी प्रश्नकाल में मनरेगा घोटाले में जब पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने 14 कर्मचारियों को सस्पेंड कर जिला पंचायत के राप्रसे सीईओ को सस्पेंड करने का अधिकार न होना बताया तो महंत ने उन्हें बताया कि मंत्री को पावर है, आप सस्पेंड कर जीएडी को सूचना भेज सकते हैं। इसके बाद सिंहदेव ने तत्कालीन जिपं सीईओ को भी सस्पेंड करने की घोषणा कर दी।