आज की सबसे बड़ी खबरः छत्तीसगढ़ के मजदूर की बेटी की जान बचाने लगेगा 16 करोड़ का इंजेक्शन, कोल इंडिया चेयरमैन के आईएएस चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने स्वीकृत किया 16 करोड़ रुपए
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रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, 17 नवंबर 2021। मुंबई की मासूम तीरा कामथ की तरह छत्तीसगढ़ की मासूम सृष्टि रानी की जान अब बच जाएगी। वेंटीलेटर पर जीवन-मौत से जूझ रही सृष्टि रानी के लिए 16 करोड़ का लगने वाला इंजेक्शन का आज बंदोबस्त हो गया। कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने मानवीय दृष्टि दिखाते कल शाम इंजेक्शन के लिए 16 करोड़ रुपए स्वीकृत कर दिया। आज देर शाम इसके पेपर एसईसीएल मुख्यालय पहंुच गए।
सृष्टि रानी एसईसीएल के दीपिका क्षेत्र में कार्यरत ओवर मैन सतीश कुमार रवि की बेटी है वह स्पाइनल मस्कुलर एंट्रॉफी बीमारी से ग्रसित है उसके इलाज के लिए जो इंजेक्शन प्रेस्क्राइब किया गया है, उसकी कीमत 16 करोड़ रुपया है। सृष्टि की उम्र 2 साल है। अगर वह इंजेक्शन नहीं लगा तो उसे बचाना मुश्किल था।
16 करोड़ रूपये के इंजेक्शन सात संमदर पार से आना है, लेकिन परिवार के सामने इतनी बड़ी रकम जमा कर पाना एक बड़ी चुनौती थी। ऐसे में परिवार और मासूम सृष्टि की थमती सांसो को लोगो की मदद की आस है। बताते हैं, सतीश कुमार के छोटे से परिवार में सब कुछ सही चल रहा था, 22 नवंबर 2019 को सतीश के घर पर मासूम सृष्टि के जन्म के साथ नई खुशिया आई। लेकिन कुछ महीने बाद ही मानो इस परिवार की खुशियों पर ग्रहण लग गया।
मासूम सृष्टि 5 महीने की होने के बाद भी स्वस्थ नही थी, परिवार के लोगों ने मासूम सृष्टि को बेहतर ईलाज के लिए बाहर ले जाते, उससे पहले ही मार्च महीने में कोरोना महामारी के कारण देशभर में कम्पलीट लॉक डाउन लग गया। लिहाजा स्थानीय स्तर पर मासूम सृष्टि का ईलाज किया जाता रहा, लेकिन सृष्टि को हुए गंभीर बीमारी का पता नही चल सका। 14 दिसंबर को सतीश अपनी मासूम बेटी को ईलाज के लिए सीएमसी बैलूर लेकर गये, जहां डाक्टरो ने मासूम सृष्टि के कई टेस्ट किये, और उन्ही टेस्ट के एक रिपोर्ट में मासूम सृष्टि को स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाईप-1 नामक गंभीर बीमारी के होने का पता चला। जिसका ईलाज डाक्टरो की टीम ने सात समंदर पार होने की जानकारी परिवार के लोगोे को दी। 30 दिसंबर को बैलूर से कोरबा लौटने के दौरान मासूम सृष्टि की तबियत एक बार फिर बिगड़ गयी, अब सृष्टि को दूध पीने में दम घूटने की दिक्कत आने लगी थी। लिहाजा बीच रास्ते से ही परिवार के लागों ने वापस लौटकर बच्ची को बिलासपुर अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती कराया, जहां मासूम बच्ची की बिगड़ती हालत को देख उसे वेटिलेटर पर रखा गया है। स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाईप-1 नामक गंभीर बीमारी से ग्रसित मासूम सृष्टि के फेफड़े कमजोर होने के साथ ही उसकी स्थिति काफी नाजूक बनी हुई है। ऐसे में परिवार के लोगों को मुबई की मासूम तीरा की तरह आम लोगों से मदद की दरकार है, ताकि सृष्टि की जिंदगी बचाई जा सके।
जेबीसीसीआई ने कहा है कि कोल इंडिया चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने 16 करोड़ रुपए का इंजेक्शन खरीदने की मंजूरी दे दी है यह बहुत बड़ा काम है। एटक नेता हरद्वार सिंह ने कहा कि एसईसीएल स्तर पर मैंने स्वयं इस महत्वपूर्ण विषय को कंपनी स्टीयरिंग कमिटी में उठाया था। जेबीसीसीआई में भी मैंने ही चर्चा के दौरान कहा था कि भारत का दूसरा केस है कामरेड रमेंद्र कुमार जीने भी अलग से कोल इंडिया चेयरमैन और निर्देशक कार्मिक से इस बीमारी की गंभीरता और मदद की जरूरत पर मानवीय दृष्टिकोण रखने की अपील की थी।