सहायक शिक्षकों के सरकार को दिए गए प्रस्ताव पर शिक्षकों का गुस्सा भड़का, देखिये क्या लिख रहे शिक्षक व्हाट्सएप पर

Update: 2021-12-25 17:07 GMT

रायपुर, 25 दिसंबर 2021। सामान्य तौर पर शिक्षकों से सबसे बड़ी उम्मीद होती है और यह माना भी जाता है कि उनके द्वारा किए गए कार्य में गलती की सबसे कम गुंजाइश होती है यही वजह है कि सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी फिर चाहे निर्वाचन की हो या जनगणना की शिक्षकों को ही सौंपा जाता है ऐसे में अपने ही हक के लिए और वह भी ऐसे समय में जब प्रदेश के 1 लाख 9 हजार सहायक शिक्षकों की नजरें फेडरेशन के नेतृत्वकर्ताओं पर टिकी हुई है कि वह उनका उद्धार करेंगे तो जो प्रस्ताव फेडरेशन ने प्रशासन को सौंपा है।

एनपीजी के पास उनका प्रस्ताव है, उसे देखकर आप हैरत में पड़ जाएंगे कि क्या सही में यह प्रस्ताव सहायक शिक्षकों ने स्वयं तैयार किया है क्योंकि इसमें एक आध नहीं बल्कि दर्जन भर गलतियां हैं और वह भी सामान्य जोड़ घटाव वाली । जिस आंकड़ों के आधार पर राशि मांगी जा रही है वह आंकड़ों को ही जोड़ने में फेडरेशन ने इतनी बड़ी गलती की है कि प्रथम दृष्टया तो विश्वास भी नहीं होता कि ऐसे भी चूक किया जा सकता है क्योंकि केलकुलेटर से गणना करने में भी यह गलती आसानी से सामने आ सकती थी ।


देखिए कैसे की गई है बड़ी बड़ी गलती

सबसे पहले तो फेडरेशन ने कुल शिक्षकों की संख्या वर्ष वार दी है जिसमें 1998 से लेकर अब तक के सहायक शिक्षकों की गिनती की गई है जिन को लाभ दिया जाना है और उनकी कुल संख्या महज 73500 बताया गया है जबकि फेडरेशन खुद इतने दिनों से बार-बार इस बात को दोहरा रहा है कि सहायक शिक्षकों की संख्या 109000 है ऐसे में लगभग साढ़े 35000 शिक्षक कहां गए इसका किसी के पास जवाब ही नहीं है ।


इसके अलावा जब वर्षवार शिक्षकों की अनुमानित संख्या को जो फेडरेशन द्वारा दी गई है जोड़ा जाएगा तो कुल संख्या 77100 आएगा जबकि फेडरेशन ने जोड़ते समय 73500 लिखा है यानी यहां पर भी बहुत बड़ी चूक। इसके अलावा 2007 में 8000 शिक्षक बताए गए हैं जिनके वेतन में अंतर 11472 होना था और इसे 12 महीना के लिए गुणा करना है जोकि 1101312000 आता है जबकि फेडरेशन के द्वारा इसे 688320000 लिखा गया है । इसी प्रकार 2011 में शिक्षकों की अनुमानित संख्या 2000 है और वेतन में अंतर 9999 जिसका गुणा 12 महीना के लिए करने पर 239976000 आता है और इसे लिखते समय भी अंतिम 0 गायब कर दिया गया है यानी अरब वाली चीज को करोड़ में ला दिया गया है ।


कुल मिलाकर फेडरेशन द्वारा दिया गया यह प्रस्ताव सहायक शिक्षकों का उद्धार करने वाला बल्कि गलतियों का पिटारा ज्यादा नजर आ रहा है और यह भी सोचने वाली बात है कि क्या यह 15 दिनों से हड़ताल कर रहे आम सहायक शिक्षक के पेट में लात मारने वाली गलती नहीं है। क्योंकि इसी के आधार पर अधिकारी एक बार फिर प्रस्ताव को कूड़े के ढेर में डाल सकते हैं । वास्तव में शिक्षकों को स्वयं सोचना चाहिए कि इतने महत्वपूर्ण अवसर पर इतनी बड़ी चूक क्या स्वीकार की जा सकती है।

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