नवरात्रि का पांचवां दिन: जानें स्कंदमाता की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, भोग व आरती...जानिए कैसे करें माता को प्रसन्न...

Update: 2022-04-05 18:45 GMT

रायपुर 6 अप्रैल 2022। आज नवरात्रि का पंचम दिवस है। चैत्र माह शुक्ल पक्ष की पंचमी है। आज दुर्गा जी की उपासना के साथ माता काली जी की पूजा भी करें। नवरात्रि के पांचवे दिन मां के पंचम स्वरूप माता स्कंदमाता की पूजा- अर्चना की जाती है। मां अपने भक्तों पर पुत्र के समान स्नेह लुटाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां की उपासना से नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है। मां का स्मरण करने से ही असंभव कार्य संभव हो जाते हैं।

मां स्कंदमाता का स्वरुप

स्कंदमाता का स्वरुप मन को मोह लेने वाला है। इनकी चार भुजाएं हैं, जिससे वो दो हाथों में कमल का फूल थामे दिखती हैं। एक हाथ में स्कंदजी बालरूप में बैठे हैं और दूसरे से माता तीर को संभाले हैं। मां स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान रहती हैं। इसीलिए इन्हें पद्मासना देवी के नाम से भी जाना जाता है। मां का वाहन सिंह है। शेर पर सवार होकर माता दुर्गा अपने पांचवें स्वरुप स्कन्दमाता के रुप में भक्तजनों के कल्याण के लिए सदैव तत्पर रहती हैं।

मां स्कंदमाता को प्रिय हैं ये चीजें

मान्यता है कि मां स्कंदमाता की उपासना से परम शांति और सुख का अनुभव होता है। मां स्कंदमाता को श्वेत रंग प्रिय है। मां की उपासना में श्वेत रंग के वस्त्रों का प्रयोग करना चाहिए। मां की पूजा के समय पीले रंग के वस्त्र धारण करें।

नवरात्रि का पांचवां दिन- शुभ मुहूर्त-

ब्रह्म मुहूर्त- 04:34 ए एम से 05:20 ए एम

विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:20 पी एम

गोधूलि मुहूर्त- 06:29 पी एम से 06:53 पी एम

अमृत काल- 04:06 पी एम से 05:53 पी एम

सर्वार्थ सिद्धि योग- पूरे दिन

रवि योग- 07:40 पी एम से 06:05 ए एम, अप्रैल ०७

पूजा विधि

सबसे पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

अब घर के मंदिर या पूजा स्थान में चौकी पर स्कंदमाता की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें।

गंगाजल से शुद्धिकरण करें फिर एक कलश में पानी लेकर उसमें कुछ सिक्के डालें और उसे चौकी पर रखें।

अब पूजा का संकल्प लें।

इसके बाद स्कंदमाता को रोली-कुमकुम लगाएं और नैवेद्य अर्पित करें।

अब धूप-दीपक से मां की आरती उतारें और आरती के बाद घर के सभी लोगों को प्रसाद बांटें और आप भी ग्रहण करें। स्कंद माता को सफेद रंग पसंद है इसलिए आप सफेद रंग के कपड़े पहनकर मां को केले का भोग लगाएं।

मान्यता है कि ऐसा करने से मां निरोगी रहने का आशीर्वाद देती हैं।

स्कंदमाता के लिए मंत्र

साथ ही देवी मां के इस मंत्र का 11 बार जप भी करना चाहिए। मंत्र है-

सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।

शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

आज स्कन्दमाता के इस मंत्र का जप करने से आपको बुध संबंधी परेशानियों से तो छुटकारा मिलेगा ही, साथ ही आपके घर में सुख-शांति और समृद्धि भी बनी रहेगी। 

स्कंदमाता हरेंगी सारी परेशानियां, करें ये उपाय

बुध संबंधी परेशानियों से छुटकारा पाने के लिये आज अन्य कौन-से उपाय किये जा सकते हैं, जानिए-

अगर आपके बिजनेस की गति ठीक नहीं चल रही है, आपको उम्मीद के अनुसार बिजनेस में लाभ नहीं मिल पा रहा है, तो आज आपको स्कन्दमाता का आशीर्वाद लेकर बुध यंत्र धारण करना चाहिए या अपने ऑफिस में स्थापित करना चाहिए।

अगर आप अपनी बौद्धिक क्षमता में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, अपने सोचने-समझने की शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं, तो आज आपको 4 मुखी रुद्राक्ष लेकर देवी मां के चरणों में रखना चाहिए और उसकी विधि-पूर्वक पूजा करनी चाहिए। पूजा करने के बाद उस 4 मुखी रुद्राक्ष को गले में धारण करना चाहिए। 

स्कंदमाता की आरती

जय तेरी हो अस्कंध माता

पांचवा नाम तुम्हारा आता

सब के मन की जानन हारी

जग जननी सब की महतारी

तेरी ज्योत जलाता रहू मै

हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै

कई नामो से तुझे पुकारा

मुझे एक है तेरा सहारा

कही पहाड़ो पर है डेरा

कई शेहरो मै तेरा बसेरा

हर मंदिर मै तेरे नजारे

गुण गाये तेरे भगत प्यारे

भगति अपनी मुझे दिला दो

शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो

इन्दर आदी देवता मिल सारे

करे पुकार तुम्हारे द्वारे

दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये

तुम ही खंडा हाथ उठाये

दासो को सदा बचाने आई

'चमन' की आस पुजाने आई


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