Teejan Bai Biography in Hindi:जानिए कौन हैं तीजन बाई, जिन्होंने छत्तीसगढ़ की पंडवानी को दिलाई अंतरराष्ट्रीय पहचान
Teejan Bai Biography in Hindi: छत्तीसगढ़ की प्रसिध्द पंडवानी गायिका तीजन बाई (Teejan Bai) बीमार है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर डॉक्टरों की एक टीम तीजन बाई के निवास पर पहुंची और उनके स्वास्थ्य की जांच की।
Teejan Bai Biography in Hindi: भिलाई। तीजन बाई (Teejan Bai) बस यह एक नाम ही काफी है। जैसे ही यह नाम सुनाई देता है सबसे पहले पंडवानी (पांडववाणी: जिसका अर्थ पांडवकथा अर्थात महाभारत की कथा) की याद आ जाती है। आंखों के सामने हाथों में तमूरा लिए मंच पर प्रस्तुती देती तीजन बाई का चेहरा घूमने लगता है। तीजन बाई (Teejan Bai) और पंडवानी एक दूसरे के पर्याय बन गए हैं।
छत्तीसगढ़ की लोककला पंडवानी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में तीजन बाई (Teejan Bai) की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। देश के सर्वोच्च सम्मानों में शामिल पद्मश्री और पद्म भूषण से सम्मानित किया जा चुका है। ऐसे में तीजन बाई (Teejan Bai) के अस्वस्थ्य होने की खबर किसी को भी चिंतति कर सकती है। तीजन बाई इस वक्त बीमार है यह सूचना जैसे ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक पहुंची उन्होंने तत्काल डॉक्टरों की टीम तीजन बाई (Teejan Bai) के घर पर भेजा दिया।
कई तरह की बीमारियों से जूझ रही हैं तीजन बाई (Teejan Bai)
मुख्यमंत्री बघेल के के निर्देश पर दुर्ग जिला प्रशासन द्वारा तत्काल डाक्टरों की टीम तीजन बाई जी के ग्राम गनियारी स्थित निवास पर पहुंची और उनकी जांच की। मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी जिला दुर्ग डॉ. जे पी मेश्राम ने बताया कि बीएमओ पाटन डॉ. आशीष शर्मा ने त्वरित कार्यवाही करते हुए चिकित्सा अधिकारी दल को निर्देशित किया। इसके बाद डॉक्टर भुवनेश्वर कठोतिया और नर्सिंग स्टाफ गुलशन खलखो ने अतिशीघ्र उनके निवास गनियारी में पहुंचकर उनकी जांच की। डॉ कठोतिया ने स्वास्थ्य जांच करने के बाद एवं उनके सेक्टर 9 हॉस्पिटल से पूर्व से चल रहे ईलाज,दवाओं आदि की जानकारी ली और उचित परामर्श दिया। उनके परिवार जन द्वारा उन्हें वर्तमान में घर में ही स्वास्थ्य लाभ लेने निवेदन किया। प्राप्त जानकारी के मुताबिक तीजन बाई जी का पूर्व से कोरोनरी आर्टरी डिसीज, हाइपरटेंशन,डायबिटीज ,स्ट्रोक विथ रेसीड्यूल परेसिस आदि का ईलाज चल रहा है। उनके सलाहकार चिकित्सक द्वारा सुझाई गई दवाईयां उनके द्वारा ली जा रही हैं।
पद्मश्री और पद्मभूषण की उपाधि
तीजन बाई (Teejan Bai) का 24 अप्रैल 1956 को भिलाई के गनियारी में जन्म हुआ था। 1988 में उन्हें पद्मश्री सम्मान मिला। इसके बाद 2003 में उन्हें पद्मभूषण से अलंकृत किया गया। बिलासपुर विश्वविद्यालय ने उन्हें डी लिट की मानद उपाधि प्रदान की है। 1995 में तीनज बाई को संगीत नाटक अकादमी और 2007 में नृत्य शिरोमणि से सम्मानित किया गया।
13 वर्ष की उम्र में पहुंची मंच पर
तीजन बाई (Teejan Bai) के नाना ब्रजलाल कलाकार थे। तीजन बाई अपने नाना को महाभारत की कथा गाते और सुनाते देखा। देखते- देखते तीजन बाई (Teejan Bai) को पूरी महाभारत याद हो गई। उनकी प्रतिभा को लेकर उमेद सिंह देशमुख ने उन्हें अनौपचारिक प्रशिक्षण दिया। तीजन बाई (Teejan Bai) ने 13 वर्ष की उम्र में पहली बार मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन किया। तीजन बाई (Teejan Bai) ने जब पंडवानी गाना शुरू किया तब महिलाएं बैठककर ही पंडवानी गा सकती थीं। इसे वेदमती शैली कहते हैं, जबकि पुरुष खड़े होकर गाते थे उसे कापालिक शैली कहा जाता है। तीजन बाई (Teejan Bai) ने खड़े होकर यानी कापालिक शैली में पंडवानी गाना शुरू किया। एक कार्यक्रम के दौरान प्रसिध्द रंगकर्मी हबीब तनवीर की नजर उन पर पड़ी। इसके बाद तीजन को एक के बाद एक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच मिलता चला गया।