सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद याचिका वापिस, पीएम मोदी ही करेंगे संसद भवन का लोकार्पण, पढ़िए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर क्या कहा...

Update: 2023-05-26 10:46 GMT

Supreme Court

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति से नई संसद भवन का उद्घाटन करवाये जाने के लिए लगाई गई याचिका पर याचिकाकर्ता को जमकर फटकार लगाई है। इसके बाद याचिकाकर्ता ने याचिका वापस ले ली है। अब कल होने वाले नई संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही करेंगे।

नई संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल करने वाले हैं। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सीआर जया सुकिन ने जनहित याचिका दाखिल की थी। इसमें बताया गया कि उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुलाना भारतीय संविधान का उल्लंघन है. यह संविधान का अपमान है। संसद भारत का सर्वोच्च विधायी निकाय है। भारतीय संसद में राष्ट्रपति और दो सदन राज्यों की परिषद राज्यसभा और जनता का सदन लोकसभा में शामिल है। राष्ट्रपति के पास किसी भी सदन को बुलाने सत्रावसान करने की शक्ति है। साथ ही लोकसभा को भंग करने की शक्ति भी राष्ट्रपति के पास है। ऐसे सांसद के नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया जाना चाहिए।

कल गुरुवार को यह जनहित याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर आज हुई सुनवाई में याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने बताया कि राष्ट्रपति भारत का प्रथम नागरिक होता है। उनको संसद भवन का उद्घाटन में नहीं बुलाया जाना गलत है। लोकसभा सचिवालय ने उन्हें नही बुलाया है। जिस पर कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हमारी समझ में नही आता कि ऐसी याचिका क्यों लाई जाती हैं ? और इसमें याचिकाकर्ता की क्या रुचि है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसी याचिका देखना सुप्रीम कोर्ट का काम नहीं है। साथ ही उन्होंने याचिकाकर्ता अधिवक्ता से पूछा कि जनहित याचिका से किसका भला होने वाला है? जिसका जवाब याचिकाकर्ता अधिवक्ता नहीं दे पाए। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस याचिका को खारिज करेंगे वो तो शुक्र मनाइए कि हम आप पर जुर्माना नही लगा रहे। याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने कहा कि वह यह पिटीशन वापस लेने की अनुमति चाहते हैं।

पिटीशन वापस लेने की बात सुनकर केंद्र सरकार की ओर से उपस्थित सॉलिसिटर जनरल एसजी शाह ने इसका विरोध किया और कहा कि यह यहां से याचिका वापस लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे और वहां बहस करेंगे। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि ऐसा है तो हम याचिका को खारिज ही कर देते हैं ताकि याचिकाकर्ता हाईकोर्ट में न जा सके। जिस पर याचिकाकर्ता अधिवक्ता जया सुकिन ने कोर्ट को यह आश्वसत करते हुए मांग कर दी कि उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए। वह भरोसा दिलाते हैं कि वे हाईकोर्ट नहीं जाएंगे। यदि यह निरस्त कर दी गई तो फिर सरकार को ऐसे इनॉग्रेशन करने का सर्टिफिकेट मिल जाएगा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को याचिका वापस लेने के लिए अनुमति प्रदान कर दी।

अब ये तय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही मैं संसद भवन का उद्घाटन करेंगे इस उद्घाटन में भाजपा ने गठबंधन एनडीए के अलावा 25 दल सरकार के साथ है वही 18 दल इसके खिलाफ है उन्होंने उद्घाटन समारोह में शामिल न होने की घोषणा की है।

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