कैश और सोने से भरे सूटकेस! राज्य परीक्षा आयुक्त के घर छापा...2 करोड़ की नकदी सहित मिले सोने चांदी के जेवरात
पुणे 20 दिसम्बर 2021। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) घोटाले मामले में गिरफ्तार महाराष्ट्र राज्य शिक्षा परिषद के आयुक्त तुकाराम सुपे के घर से 2 करोड़ रुपए की नकदी के अलावा करीब डेढ़ किलो सोना (Gold) जब्त किया गया है। सूत्रों के मुताबिक़ टीईटी परीक्षा घोटाले (TET 2020 Exam Scam) में उम्मीदवारों के नंबर बढ़वाने के लिए तुकाराम सुपे और शिक्षा विभाग के तकनीकी सलाहकार अभिषेक सावरीकर को 4 करोड़ 20 लाख रुपए की रिश्वत मिली थी। ऐसी रिपोर्ट थी कि इनमें से 1 करोड़ 70 लाख रुपए सुपे को मिले थे।
दरअसल टीईटी परीक्षा में 800 उम्मीदवारों के नंबर बढ़वाने के लिए तुकाराम सुपे और शिक्षा विभाग के तकनीकी सलाहकार अभिषेक सावरीकर को 4 करोड़ 20 लाख रुपए दिए जाने की जानकारी पुलिस को मिली थी. इनमें से 1 करोड़ 70 लाख रुपए तुकाराम सुपे को मिले थे. सुपे को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने उनके घर पर छापा मारा.
पहली छापेमारी में पुलिस ने 88 लाख 49 हजार रुपए कैश, पांच ग्राम के सोने के सिक्के, पाच तोले सोने के गहने, साढ़े पांच लाख रुपए की फिक्स्ड डिपोजिट के कागजात जब्त किए थे. इस तरह से कुल 96 लाख रुपए की कीमत के कैश और गहने बरामद किए गए थे. पुलिस रेड से पहले ही सुपे की पत्नी और साले ने कुछ रकम कहीं और छुपाई थी. पुलिस ने दूसरी बार छापेमारी की और 1 करोड़ 58 लाख का कैश और डेढ़ किलो सोना बरामद कर लिया. यह सुपे की बेटी और दामाद के पास से बरामद किया गया. 44 अलग-अलग तरह के गहने बरामद किए गए हैं.
आरोपी के पास से कैश से भरे दो बैग में से एक बैग बेटी के पास छुपा कर रखा गया था. दूसरा बैग दामाद के दोस्त के पास रखा गया था. यह तब पता चला जब पुलिस ने सुपे के दामाद नितिन पाटील और बेटी कोमल पाटील से पूछताछ की. नितिन पाटील ने पूछताछ में बताया कि दूसरा बैग उसके दोस्त बिपिन के फ्लैट में रखा गया है. कैश से भरे दो बैग के साथ एक सूटकेस भी बरामद हुआ. इनमें रखे पैसों की गिनती की गई तो कुल रकम 1 करोड़ 58 लाख 35 हजार 10 रुपए बरामद हुए. बैग के साथ सूटकेस के अलावा प्लास्टिक के एक बैग में गहनों के 44 डिब्ब मिले.
पुणे पुलिस आयुक्त अमिताभ गुप्ता ने इस छापेमारी के बारे में जानकारी दी है. इस मामले में कई जगहों पर छापेमारी की गई है. फिलहाल पुलिस की जांच प्रश्न पत्र लीक होने के मामले तक ही सीमित है. अलग-अलग जानकारियों के आधार पर जांच शुरू है.
बता दें साइबर पुलिस ने 16 दिसंबर को महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद के आयुक्त तुकाराम सुपे और शिक्षण विभाग के एडवाइजर अभिषेक सावरकर को पूछताछ के लिए बुलाया था. पूछताछ में उन्होंने कबूल किया कि परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी वाली निजी कंपनी जीए सॉफ्टवेयर के संचालक प्रीतिश देशमुख को भरोसे में लेकर बुलढाणा ज़िले के सिंदखेड़राजा के रहने वाले एजेंट अंकुश हरकल की मदद से परीक्षार्थियों को पास कराया गया.सबसे 50 हजार से 9 लाख रुपयों तक लिए गए. कुल 4 करोड़ 20 लाख रुपये जमा हुए थे, जो आपस में बांट लिए गए थे. इसमें सुकाराम सुपे 1.70 करोड़, प्रितीश देशमुख को 1.25 करोड़ और अभिषेक को 1.25 करोड़ रुपये मिलने की बात कबूली है.जी.ए. सॉफ्टवेयर कंपनी के संचालक ने तत्कालीन महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद नामदेव सुपे और शिक्षण विभाग के एडवाइजर अभिषेक सावरकर को विश्वास में लेकर अलग-अलग एजेंट बनाकर जिन परीक्षार्थियों को इस परीक्षा में पास होना है, उनसे मिलकर पैसे लिए, उन्हें पास किया. यह गड़बड़ी करते समय कंपनी के संचालक देशमुख ने OMR शीट स्कैनिंग कर ली और इसकी जानकारी परीक्षा परिषद को नहीं दी.