सोनिया गांधी ने मांगी रिपोर्ट: राजस्थान में जो कुछ हुआ, उस पर खड़गे और माकन देंगे लिखित रिपोर्ट, पैरलल मीटिंग को बताया अनुशासनहीनता

Update: 2022-09-26 13:10 GMT

NPG ब्यूरो। राजस्थान में सीएम हाउस में विधायक दल की बैठक बुलाने के बावजूद सीएम अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों की अलग बैठक से अब मामला गरमा गया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस मामले में ऑब्जर्वर मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन से लिखित रिपोर्ट मांगी है। दोनों नेताओं ने कांग्रेस अध्यक्ष को 10 जनपथ में हुई बैठक में पूरी बात बताई। इसके बाद उन्होंने रिपोर्ट देने के लिए कहा है। ऐसी चर्चा है कि गहलोत खेमे के विधायकों पर कार्रवाई हो सकती है। वहीं, गहलोत के बजाय अब किसी और को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने पर विचार किया जा सकता है।

10 जनपथ में बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में अजय माकन ने कहा कि राजस्थान में सीएम गहलोत की सहमति के बाद बैठक का स्थान और समय तय किया गया था। इसके बावजूद विधायकों की अलग बैठक रखी गई। इसके बाद उनसे आज विधायकों के प्रतिनिधि के रूप में कुछ मंत्रियों ने मुलाकात की और तीन शर्तें रखीं। उन्होंने कहा कि जो भी फैसला लिया जाएगा, वह 19 अक्टूबर को नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्वाचन के बाद अमल में लाया जाएगा। एक ओर कहते हैं कि एक लाइन का रिजोल्यूशन पारित किया जाए कि सारा फैसला आलाकमान पर छोड़ते हैं। यानी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद आप ही फैसला लें।

इसके अलावा विधायकों की ओर से यह शर्त रखी गई कि जो 102 विधायक गहलोत खेमे के हैं, उनमें से ही किसी को मुख्यमंत्री बनाया जाए। तीसरी यह कि सभी विधायकों से ग्रुप में बात की जाए। माकन ने कहा कि विधायकों की बैठक के पहले ही यह बताया गया था कि सभी विधायकों से वन टू वन बात की जाएगी, जिससे वे निष्पक्ष होकर अपनी बात कह सकें। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष को पूरी रिपोर्ट दी जाएगी। इसके बाद फैसला होगा। फिर भी विधायक समूह में बात करने चाहते थे। ये सारी बातें कांग्रेस अध्यक्ष को बताई गई हैं। विधायकों द्वारा अलग बैठक के संबंध में जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि प्राथमिक रूप से ही यह गलत है कि पार्टी की ओर से जब विधायक दल की बैठक बुलाई गई है तो पैरलल बैठक बुलाई जाए। यह अनुशासनहीनता है। इसके बारे में भी कांग्रेस अध्यक्ष को बताया गया है। उन्हें आज रात या कल सुबह तक लिखित रिपोर्ट दी जाएगी।

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