शिक्षक से नाइंसाफी: जीपीएफ पासबुक गुम होने पर क्लर्क सस्पेंड पर पेमेंट नहीं, असिस्टेंट डायरेक्टर ने कहा...

Update: 2022-07-08 16:21 GMT

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी में शिक्षकों के साथ किस तरह अन्याय हो रहा है, उसका जीता जागता उदाहरण बिल्हा ब्लॉक के भरारी स्कूल का मामला है। भरारी स्कूल के प्रधान पाठक रामस्वरूप कमलसेन रिटायर होते हैं। इसके बाद जब जीपीएफ भुगतान की बारी आई, तब पता चला कि जीपीएफ पासबुक गुम है। प्रधान पाठक ने यह शिकायत की कि क्लर्क अनुपम शुक्ला के पास पासबुक था, जो गुम हो गया। इस मामले में अनुपम शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया, लेकिन अब तक शिक्षक का भुगतान नहीं हुआ है।

जीपीएफ पासबुक गुम होने के मामले की जांच जॉइंट डायरेक्टर ऑफिस में पदस्थ असिस्टेंट डायरेक्टर एसके प्रसाद ने की थी। इस जांच रिपोर्ट के आधार पर ही शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया। यह एक महीने पहले की घटना है। इसके बाद प्रिंसिपल की यह जिम्मेदारी थी कि रिटायर्ड शिक्षक को जीपीएफ का भुगतान करे। प्रिंसिपल पीके देहरी की ओर से शपथ पत्र देने से लेकर कई तरह का फॉर्मेलिटी बताई गई।

कमलसेन ने पूरा भी किया, लेकिन भुगतान होना तो दूर अब तक प्रिंसिपल ने प्रक्रिया ही आगे नहीं बढ़ाई है। इस पूरे मामले को लेकर जब NPG.News ने असिस्टेंट डायरेक्टर प्रसाद से बात की तो उन्होंने कहा कि नियम के मुताबिक रिटायरमेंट के साथ ही सभी तरह के देयकों का भुगतान हो जाना चाहिए, लेकिन जीपीएफ पासबुक गुम होने के कारण देरी हुई। जब उन्हें यह जानकारी दी गई कि प्रिंसिपल की ओर से प्रक्रिया ही आगे नहीं बढ़ाई गई है, तब उनका कहना था कि यदि प्रिंसिपल की गलती सामने आती है तो कार्रवाई की जाएगी।

प्रिंसिपल की गलती पर कार्रवाई क्यों नहीं?

इस मामले में शिक्षकों का कहना है कि अनुपम शुक्ला के खिलाफ स्कूल के शिक्षक लगातार शिकायतें कर रहे थे, लेकिन कार्रवाई नहीं की जा रही थी। मीडिया में मामला आने के बाद ले देकर उस पर कार्यवाही हुई और जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा प्राचार्य को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया। इसके बाद भी प्रिंसिपल ने अब तक भुगतान नहीं किया है। उल्टे रिटायर्ड शिक्षक को अलग-अलग फॉर्मेलिटी बताकर परेशान करने की जानकारी सामने आ रही है।

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