मदकू द्वीप में आरएसएस चीफ... धर्मांतरण के मुद्दे पर तेज होगी संघ परिवार की लड़ाई, चुनाव की रणनीति पर भी मंथन

इस दौरे को इसलिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा गरमाया हुआ है।

Update: 2021-10-19 06:25 GMT

रायपुर, 19 अक्टूबर 2021। आरएसएस चीफ मोहन भागवत 19 नवंबर को छत्तीसगढ़ प्रवास पर आ रहे हैं। उनका यह प्रवास मदकू द्वीप में तीन दिवसीय घोष शिविर के दौरान होगा। यह पहला मौका है, जब छत्तीसगढ़ में आरएसएस के मुख्यालय जागृति मंडल या संघ परिवार से जुड़े किसी कार्यालय के बजाय आउटडोर कार्यक्रम में आरएसएस चीफ शामिल होंगे। इस दौरे को इसलिए काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा गरमाया हुआ है।

मदकू द्वीप वैसे तो रायपुर-बिलासपुर हाईवे के करीब शिवनाथ नदी पर बना ऐसा द्वीप है, जो पुरातात्विक महत्व के मंदिरों के साथ-साथ मसीही समाज के हर साल लगने वाले मेले के लिए भी जाना जाता है। इसके करीब बैतलपुर का मिशन हॉस्पिटल भी है, जो काफी पुराना है। मदकू द्वीप रायपुर, बिलासपुर, बलौदाबाजार-भाठापारा और मुंगेली जिले की सीमाओं से भी लगता है। आरएसएस से जुड़े पदाधिकारियों का कहना है कि इस क्षेत्र में मिशनरी गतिविधियां तेज हुई हैं। हाल के कुछ दिनों में भाजपा ने धर्मांतरण को प्रदेश में बड़े मुद्दे के रूप में खड़ा किया है। कवर्धा की घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद, भाजपा सहित अन्य आनुषांगिक संगठन सक्रिय हुए हैं।

2023-24 की रणनीति पर भी होगी बात

आरएसएस की बैठक में वैसे तो संघ की गतिविधियों से जुड़े विषय भी रहेंगे, लेकिन 2023-24 में होने वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के संबंध में भी बात होगी। 2018 के चुनाव में यह बात आई थी कि भाजपा सरकार के फैसलों, खासकर प्रत्याशी चयन में आरएसएस की अनुशंसाओं को दरकिनार करने के बाद स्वयंसेवक बैठ गए थे और भाजपा 15 साल की सरकार के बाद 15 सीटों पर सिमट गई थी। हालांकि इस गलती का अहसास हुआ और लोकसभा चुनाव में आरएसएस को महत्व मिला तो कांग्रेस सरकार के ताबड़तोड़ फैसलों के बावजूद 11 में से 9 सीटें भाजपा जीती थी।

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