Ratanpur Temple: रतनपुर में मां महामाया के श्रृगांर में शामिल हुआ शुद्ध सोने से बना वजनी मुकुट, कीमत और वजन जान कर चौंक जाएंगे...

Ratanpur Temple: रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर में माता के श्रृंगार के लिए सोने का नया मुकुट बनवाया गया है। आज राजसी श्रृगांर में पहली बार यह मुकुट माता के माथे सजाया गया है।

Update: 2024-10-12 07:48 GMT

Ratanpur Temple: बिलासपुर। रतनपुर (बिलासपुर) स्थित महामाया मंदिर में आज माता का विशेष श्रृगांर किया गया है। माता का इस तरह का श्रृंगार वर्ष में केवल तीन बार किया जाता है। माता के आज के श्रृंगार स्‍वर्ण मुकुट और भी खास बना रहा है। यह मुकुट पहली बार आज माता के माथे पर सजाया गया है।

मंदिर समिति के अध्‍यक्ष आशीष सिंह ने बताया कि यह मुकुट शुद्ध सोने से बनवाया गया है। इसका वजह 1759 ग्राम है। नया बनवाया गया यह मुकुट पहली बार माता के माथे पर सजाया गया है। मंदिर समिति से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया कि इससे पहले माता को जो मुकुट पहनाया जा रहा था, वह 25 साल से ज्‍यादा पुराना था। पुराने मुकुट का वजह लगभग 900 ग्राम था। नए मुकुट का कुल वजन एक किलो 759 ग्राम है, जो पहले वाले करीब दोगुना है। नए मुकुट के निर्माण पर करीब डेढ़ करोड़ रुपये खर्च किया गया है।

बता दें कि महामाया माता का साल में तीन बार विशेष श्रृंगार किया जाता है। तभी इन आभूषणों का उपयोग किया जाता है। राजसी श्रृंगार जिन तीन विशेष अवसरों पर होता है उनमें दोनों नवरात्र की अष्‍टमी के साथ दीपावली शामिल है। मंदिर ट्रस्‍ट के सदस्‍यों के अनुसार माता के स्‍वर्ग आभूषणों को लॉकर में रखा जाता है। राजसी श्रृगांर के एक दिन पहले कड़ी सुरक्षा में उन्‍हें मंदिर लाया जाता है।

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