रायपुर के इस एते‍हासिक स्‍कूल से राज्य को मिले हैं चार मुख्यमंत्री और एक उप राष्ट्रपति, उसी स्‍कूल में बच्‍चों का सीएम ने तिलक लगाकर किया स्‍वागत

Update: 2023-06-26 08:23 GMT

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक ऐसा स्‍कूल है, जिसने राज्‍य को चार मुख्‍यमंत्री और देश को एक उप राष्‍ट्रपति दिया है। आज उसी स्‍कूल में बच्‍चों का मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने तिलक लगाकर और मिठाई खिलाकर स्‍वागत किया।

राजधानी के उस एतिहासिक स्‍कूल का नाम प्रोफेसर जेएन पांडेय शासकीय उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय है। इस स्कूल की स्थापना सन 1864 में हुई थी। यह स्कूल कभी कलकत्ता विश्वविद्यालय व इलाहाबाद विश्वविद्यालय से भी संबद्ध रहा है। इस स्कूल ने राज्य को चार मुख्यमंत्री दिए हैं। स्व. पं. रविशंकर शुक्ल, स्व. द्वारका प्रसाद मिश्रा, स्व. श्यामा चरण शुक्ल और स्व. मोती लाल वोरा इसी स्कूल के विद्यार्थी रहे हैं। इसके साथ ही देश के पूर्व उपराष्ट्रपति स्व. हिदायतुल्ला भी इसी स्कूल के विद्यार्थी रहे हैं।




 

मुख्‍यमंत्री बघेल ने आज प्रो. जेएन पांडेय स्‍कूल से प्रदेश के प्रवेशोत्सव की शुरुआत की। बघेल ने कहा कि आज के दौर में स्कूलों में शिक्षा का वातावरण बनाना जरूरी है। बच्चों को शिक्षा के साथ खेलकूद और अनुशासन पर भी ध्यान देना है। छात्र जीवन में ही समय की कीमत समझनी होगी। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रत्येक स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है और इस मंदिर को भी हमेशा साफ सुथरा रहना चाहिए। मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूलों के खुलने से राज्य में शिक्षा के प्रति फिर से रूझान बढ़ा है और वर्तमान में प्रत्येक वर्ग के लोग अपने बच्चों को इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं।

मुख्यमंत्री ने तिलक लगाकर व मिठाई खिलाकर छात्रों को कराया शाला प्रवेश

मुख्यमंत्री ने शाला प्रवेशोत्सव के मौके पर स्कूली बच्चों को तिलक लगाकर, माला पहनाकर तथा उन्हें मिठाई खिलाकर शाला प्रवेश कराया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को गणवेश, पुस्तकें व स्कूल बैग का भी वितरण किया। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों, शिक्षक-शिक्षिकाओं, प्राचार्यों और अभिभावकों को नये शिक्षा सत्र के शुभारंभ और शाला प्रवेशोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि यही बच्चे हमारा भविष्य हैं और इन बच्चों को शिक्षा का उचित वातावरण देना हमारी जिम्मेदारी है ताकि इनका पढ़ाई में मन लगा रहे।

स्कूल के जीर्णोद्धार के लिए पांच करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत

मुख्यमंत्री ने ऐतिहासिक प्रो जेएन पांडेय शासकीय उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम स्कूल के जीर्णोद्धार के लिए 5 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत करते हुए कहा कि शिक्षा के मंदिरों को सुदृढ़ और सुंदर बनाने के लिए राशि की कभी कभी भी आड़े नहीं आएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने प्रदेश के स्कूलों के जीर्णोद्धार और मरम्मत के लिए बजट में 12 सौ करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की थी। इस राशि से वर्तमान में 23 हजार स्कूलों में काम चल रहा है।



दूसरे चरण में 4318 बालवाड़ियों का शुभारंभ

शाला प्रवेशोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री बालवाड़ी योजना के दूसरे चरण में वर्चुअल रूप से 4 हजार 3 सौ 18 बालवाड़ियों का शुभारंभ किया। राज्य में बालवाड़ियों के जरिए पांच से छः वर्ष के बच्चों को बुनियादी शिक्षा के प्रति जागरुक करने का प्रयास किया जाता है। बालवाड़ी में बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा प्रदान की जाती है ताकि स्कूल जाने में उन्हें कोई घबराहट का सामना न करना पड़े। बालवाड़ी योजना के पहले चरण में 5 सितंबर 2022 को 5 हजार 1 सौ 73 बालवाड़ी की शुरूआत की गयी थी।

शाला प्रवेशोत्सव के मौके पर छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष एवं विधायक कुलदीप जुनेजा, रायपुर नगर निगम के महापौर ऐजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन, छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्री रामसुंदर दास, शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आलोक शुक्ला, शिक्षा विभाग के सचिव डॉ एस भारती दासन समेत विभाग के अधिकारी तथा स्कूलों के विद्यार्थी, शिक्षक, प्राचार्य एवं अभिभावक मौजूद थे।

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