रेलवे ने वापस लिया वंदे भारत ट्रेन नहीं चलाने का फैसला, यात्री कम मिलने के बहाने चलाई जा रही थी तेजस ट्रेन, विरोध के बाद अब कम कोच के साथ शुरू हुई ट्रेन

Update: 2023-05-17 11:40 GMT

बिलासपुर। रेलवे ने वंदे भारत ट्रेन की जगह दूसरी ट्रेन चलाने का फैसला वापस ले लिया है। यात्री कम मिलने की बात पर रेलवे छतीसगढ़ से चलाई जाने वाली एकमात्र वंदे भारत ट्रेन को बंद करने की तैयारी मे था। इसके लिए वंदे भारत के ट्रेन को बंद कर तेजस ट्रेन के कोचों को लगाकर ट्रेन चलाई जा रही थी। जिससे यात्रियों को छतीसगढ़ से चलाई जा रही एकमात्र वंदे भारत ट्रेन के बंद होने की आशंका थी। रेलवे से जुड़े सूत्रों का तर्क था कि वंदे भारत ट्रेन की टिकट महंगी होने के चलते इसमें पर्याप्त यात्री नही मिल रहे थे। इसलिए इसके रैकों को बदला गया था।

भारत सरकार के रेल मंत्रालय द्वारा देशभर के चुनिंदा स्टेशनों के बीच वंदे भारत ट्रेन शुरू की है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से लेकर महाराष्ट्र के नागपुर तक भी वंदे भारत ट्रेन शुरू की गई थी। यह ट्रेन एक ही दिन में बिलासपुर से नागपुर फिर नागपुर से बिलासपुर की यात्रा तय करती थी। इसके दरवाजे ऑटोमेटिक व सेंसर से युक्त थे जो व्यक्तियों की आवाजाही पर अपने आप ही खुलते व बंद होते थे। इस ट्रेन में 16 कोच थे जिसमें 14 चेयर कार व दो एग्जीक्यूटिव क्लास के थे, व यात्रियों की कुल क्षमता 1128 थी। इस ट्रेन में आन बोर्ड वाईफाई की सुविधा मौजूद थी। तथा जीपीएस आधारित उन्नत सूचना तकनीक थी। इसमें जैव वैक्यूम शौचालय थे जो हवाई जहाज की तरह सुविधाजनक थी। ट्रेन के सभी कोच पूरी तरह सीसीटीवी कैमरों से लैस थी तथा विकलांगों के लिए विशेष बैठक व्यवस्था भी थी। हर सीट पर चार्जिंग सॉकेट दिए गए थे। व ट्रेन की पटरी में कोई भी खाद्य पदार्थ गर्म करने की सुविधा थी। एग्जीक्यूटिव क्लास के कोच की कुर्सियां 180 डिग्री तक घूम जाती थी पूरी तरह से वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन स्वदेशी तकनीक से बनाई गई थी।

रेलवे ने छत्तीसगढ़ में बिलासपुर से नागपुर तक चलाई जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को बंद करने का फैसला किया था उसकी जगह तेजस एक्सप्रेस की बोगी लगाकर चलाई जा रही थी। हालांकि रेलवे ने सिकंदराबाद तिरुपती वंदे भारत एक्सप्रेस 20701/20702 की रैक मिलने तक अस्थाई रूप से तेजस ट्रेन की रैकों के साथ वंदे भारत ट्रेन को अस्थाई रूप से चलाने की बात कही थी, और कहा गया था कि रैक मिलने में कुछ दिनों का समय लगेगा। रैक मिलने के बाद तेजस ट्रेन की रैकों को रिप्लेस किया जाएगा। उसके बाद 14 मई रविवार, 15 मई सोमवार व 16 मई मंगलवार को तेजस ट्रेन की कोचों के साथ वन्दे भारत ट्रेन चलाई गई थी।

हालांकि रेलवे के सूत्रों के मुताबिक ऐसा इसलिए किया गया था कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन में औसतन 65% यात्री ही मिल रहे थे बाकी 35% ट्रेन खाली जा रही थी। इसके पीछे रेल अफसरों को विश्लेषण करने पर कारण पता चला कि ट्रेन की टिकट महंगी होने की वजह से यात्री इस ट्रेन से यात्रा करने में रुचि नहीं ले रहे थे। इसी टाइमिंग में यात्रियों के पास अन्य वैकल्पिक ट्रेन भी थी जो इतने ही समय में बिलासपुर से नागपुर व नागपुर से बिलासपुर के लिए उपलब्ध थी, जिनमें दुरंतो ट्रेन शामिल है। बिलासपुर से नागपुर इतने ही समय में दुरंतो ट्रेन भी पहुंचा देती है और इसका किराया वंदे भारत ट्रेन से अपेक्षाकृत कम है। जिसके चलते वंदे भारत ट्रेन को पूरी क्षमता से यात्री नही मिल रहे रहे थे व यात्री वंदे भारत ट्रेन में यात्रा करने में रुचि नहीं ले रहे थे। इसलिए ही वंदे भारत ट्रेन की जगह रेलवे के अफसर सुनियोजित रणनीति के तहत तेजस ट्रेन को चला रहे थे जो 3 दिनों तक चली भी। हालांकि इस ट्रेन में भी छतीसगढ़ से पर्याप्त यात्री नही मिले।

अब यात्रियों के उठते हुए विरोध के स्वर को देखते हुए रेलवे ने फिर फिर से बिलासपुर से नागपुर के बीच चलाई जा रही वंदे भारत ट्रेन को चलाने का निर्णय लिया है। हालांकि रेलवे के अफसरों ने घाटे से बचने के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस की ट्रेन के रैकों को कम करने का निर्णय लिया है। 3 दिन तक तेजस एक्सप्रेस चलाने के बाद रेलवे ने आज बुधवार से फिर से वंदे भारत ट्रेन 20825/ 20826 का परिचालन शुरू कर दिया है। आज से दोबारा शुरू हुए वंदे भारत ट्रेन के रैकों की संख्या में कटौती कर दी गई है। आज से शुरू हुए वंदे भारत ट्रेन के कोच में 1 एग्जीक्यूटिव क्लास के कोच व 7 चेयर कार के कोच होंगे। जब यह ट्रेन जब शुरू हुई तब इसमें 16 कोच लगाए गए थे। जिसमें दो एग्जीक्यूटिव व 14 चेयर कार थे।

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