राहुल अभी खतरे से बाहर नहीं: राहुल घिस-घिस कर नीचे गिरा था, इसलिए कई जगह चोट, स्किन-ब्लड में इन्फेक्शन; अपोलो की स्पेशलिस्ट डॉक्टर ने कहा...

अपोलो के स्पेशलिस्ट डॉक्टर लगातार राहुल साहू को आब्जर्वेशन में रखे हुए हैं। कल्चर टेस्ट की रिपोर्ट का इंतजार।

Update: 2022-06-15 14:56 GMT

रायपुर, 15 जून 2022। राहुल साहू ने बड़ी बहादुरी से 65 फीट गहरे बोरवेल में 104 घंटे बिताए, लेकिन इस बीच उसके शरीर पर कई तरह के कॉम्प्लिकेशंस नजर आने लगे हैं। प्राइमरी रिपोर्ट के मुताबिक राहुल के स्किन और ब्लड में इन्फेक्शन मिले हैं। अपोलो हॉस्पिटल की पीडियाट्रिशियन डॉ. इंदिरा मिश्रा के मुताबिक 24 घंटे तक लगातार आब्जर्वेशन किया जा रहा है। फिलहाल स्थिति आउट ऑफ डेंजर नहीं कह सकते।

जांजगीर जिले के मालखरौदा ब्लॉक के पिहरीद गांव में राहुल साहू को मंगलवार रात बोरवेल से बाहर निकाला गया। इसके बाद अपोलो हॉस्पिटल पहुंचाया गया। अपोलो हॉस्पिटल में पहले से ही राहुल के लिए सारी तैयारियां कर ली गई थीं। संभावित कॉम्प्लिकेशंस को ध्यान में रखते हुए सारी दवाइयां और मेडिकल टीमें तैनात थीं। राहुल को हल्का बुखार था और निमोनिया के लक्षण नजर आए थे। हालांकि चेस्ट एक्स-रे की रिपोर्ट में निमोनिया के लक्षण नहीं मिले हैं, इसलिए उसे ऑक्सीजन लगाने की जरूरत नहीं पड़ रही है।


अपोलो हॉस्पिटल की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मिश्रा के मुताबिक लगातार 104 घंटे तक पानी में रहने के कारण कई तरह के बैक्टिरिया और वायरस का डर रहता है। सैप्टिसिमिया जैसी स्थिति बनती है। प्रारंभिक जांच में स्किन और ब्लड में संक्रमण की स्थिति है। कल्चर रिपोर्ट्स आने के बाद यह स्पष्ट हो पाएगा कि किस लेवल का संक्रमण हुआ है। हालांकि एक राहत की बात यह है कि राहुल की मां गीता साहू ने डॉक्टर्स को यह बताया है कि वह नॉर्मल बिहेव कर रहा है। फिलहाल राहुल को सामान्य बुखार की स्थिति बन रही है।

एक झटके से नहीं गिरा था नीचे

राहुल एक झटके से 65 फीट नीचे नहीं गिरा, बल्कि कई बार में घिस-घिसकर नीचे गिरा। इस वजह से राहुल के शरीर में कई जगह छिलने के निशान हैं। खरोंच आई है।

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