PK नहीं टिके: प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें शांत, कहा- कांग्रेस को मेरी नहीं, अच्छी लीडरशिप की जरूरत
प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर किया खुलासा, रणदीप सूरजेवाला ने भी किया स्पष्ट
नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2022। इलेक्शन स्ट्रैटजिस्ट प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की पिछले एक पखवाड़े से चल रही अटकलें आखिरकार शांत हो गई हैं। कहा जा रहा है कि प्रशांत किशोर ने ही इन अटकलों पर विराम लगा दिया है। प्रशांत ने ट्वीट किया है, "कांग्रेस का मेरी नहीं, अच्छी लीडरशिप की जरूरत है।"
बता दें कि हाल ही में प्रशांत किशोर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चार घंटे का प्रेजेंटेशन दिया था, जिसमें 2024 में होने वाले चुनाव की रणनीति पर बातचीत थी। यह करीब 600 पेज का प्रेजेंटेशन बताया जा रहा है। इसके बाद से ही पीके को कांग्रेस में शामिल करने और किसी निर्णायक भूमिका में पद देने की चर्चा थी।
इधर, कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मंगलवार को ट्वीट किया, "कांग्रेस अध्यक्ष ने एक एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024 का गठन किया और प्रशांत किशोर को जिम्मेदारी देते हुए ग्रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। लेकिन, उन्होंने मना कर दिया। हम पार्टी को दिए गए उनके प्रयासों और सुझावों की सराहना करते हैं।"
Following a presentation & discussions with Sh. Prashant Kishor, Congress President has constituted a Empowered Action Group 2024 & invited him to join the party as part of the group with defined responsibility. He declined. We appreciate his efforts & suggestion given to party.
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 26, 2022
सुरजेवाला के बाद खुद पीके ने साफ किया, "वे कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहे हैं। मैंने एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप का हिस्सा बनने, पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने के कांग्रेस का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। मेरी राय में पार्टी की अंदरूनी समस्याओं को ठीक करने के लिए, कांग्रेस को मुझसे ज्यादा लीडरशिप और मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है।"
I declined the generous offer of #congress to join the party as part of the EAG & take responsibility for the elections.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 26, 2022
In my humble opinion, more than me the party needs leadership and collective will to fix the deep rooted structural problems through transformational reforms.