OBC Reservation: CG ओबीसी आरक्षण की रिपोर्ट: किसी भी सूरत में 15 अक्टूबर तक, नहीं टलेगा निकाय चुनाव! आयोग के चेयरमैन बोले...

OBC Reservation: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार छत्तीसगढ़ सरकार ने अगस्त में ओबीसी कल्याण आयोग का गठन किया था। आयोग फुल रफ्तार में काम कर रहा है। नगरीय निकायों के चुनावी अधिसूचना जारी होने से महीने भर पहले आयोग सरकार को रिपोर्ट सौंप देगी।

Update: 2024-10-02 14:54 GMT

OBC Reservation: रायपुर। ओबीसी आरक्षण का पुननिर्धारण होने के बाद ही इस बार छत्तीसगढ़ में नगरीय और पंचायत चुनाव कराया जा सकेगा। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि ओबीसी का नए सिरे से आरक्षण के बाद ही राज्यों में स्थानीय चुनाव होंगे। इसको देखते छत्तीसगढ़ सरकार ने अगस्त में रिटायर आईएएस अधिकारी आरएस विश्वकर्मा के नेतृत्व में स्वतंत्र आयोग का गठन किया था। इस आयोग को संवैधानिक आयोग का दर्जा प्राप्त है। लिहाजा, आयोग की अनुशंसा सरकार को मानना पड़ेगा। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश में ही इसे स्पष्ट किया गया है कि आयोग की सिफारिशों के आधार पर ओबीसी का आरक्षण तय किया जाएगा।

चूकि दो महीने बाद नगरीय निकाय चुनाव है, इसको देखते ओबीसी कल्याण आयोग फुल एक्शन में है। पिछले एक महीने में आयोग ने कई संभागों का दौरा किया है। पुराने पुलिस मुख्यालय मे आयोग का कार्यालय बनाया गया है। आयोग सभी कलेक्टरों से ओबीसी की जनसंख्या की जानकारी लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रहा है।

15 अक्टूबर तक रिपोर्ट-चेयरमैन

आयोग की रिपोर्ट मिलने में देरी की अंदेशा से यह भ्रांतियां फैल रही कि नगरीय निकाय चुनाव दो-एक महीने आगे टलेगा। याने समय पर चुनाव नहीं होगा। और टाईम पर इलेक्शन नहीं होगा तो निकायो में प्रशासक बिठाना पड़ेगा। छत्तीसग़ढ़ के नंबर वन न्यूज वेबसाइट एनपीजी न्यूज ने इसको लेकर ओबीसी कल्याण आयोग के चेयरमैन आरएस विश्वकर्मा से बात की। उनसे प्वाइंटेड सवाल किया गया। ओबीसी आरक्षण की रिपोर्ट आप सरकार को कब तक सौंप देंगे? विश्वकर्मा ने कहा कि 99 परसेंट काम कंप्लीट हो चुका है। इस समय डेटा का सत्यापन किया जा रहा कि कहीं कोई त्रुटि तो नहीं रह गई है। उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर से पहले हम सरकार को अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंप देंगे।

अंतरिम रिपोर्ट क्यों?

ओबीसी कल्याण आयोग अभी अंतरिम रिपोर्ट सौंपेगा। सवाल यह है कि अंतरिम रिपोर्ट क्यों? तो आयोग के पास ओबीसी आरक्षण तय करने के साथ ही पिछड़े वर्गों का सामाजिक-आर्थिक स्टडी करने की भी जिम्मेदारी है। स्थानीय चुनाव समय पर हो जाए, इसलिए अभी अंतरिम रिपोर्ट सौंपी जाएगी, इसके बाद फिर साल, दो साल तक कंप्लीट स्टडी चलेगी। इसमें ये भी देखा जाएगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ कितने परसेंट लोग उठा पा रहे हैं। शैक्षणित योग्यता से लेकर उनकी सामाजिक स्तर क्या है।

ओबीसी की सीटें कहीं बढेंगी, कहीं होंगी कम

ओबीसी कल्याण आयोग की रिपोर्ट के बाद छत्तीसगढ़ की नगरीय निकाय और पंचायतों में किसी जगह ओबीसी की सीटें कम होंगी तो कहीं बढ़ेंगी। जिन जिलों में ओबीसी की आबादी कम होंगी, जाहिर है वहां ओबीसी की सीटें घटेंगी और जहां अधिक है वहां बढ़ेंगी। आयोग ने इसका पूरा खाका तैयार कर लिया है। सरकार को रिपोर्ट सौंपने के बाद ही इसका खुलासा हो पाएगा कि किन नगरीय और पंचायत संस्थाओं में सीटें कम हुई या बढी हैं।

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