NIA SP Suspend : भ्रष्टाचार के मामले में गृह मंत्रालय ने एनआईए एसपी गर्ग को सस्पेंड किया, दफ्तर भी सील

Update: 2023-04-25 08:24 GMT

NPG ब्यूरो. भ्रष्टाचार के मामले में गृह मंत्रालय ने एनआईए के एसपी विशाल गर्ग को सस्पेंड कर दिया है. एनआईए की टीम ने मंगलवार को अपने ही एजेंसी के एसपी गर्ग के दफ्तर में छापेमारी भी की है. हेड क्वार्टर स्थित उनके दफ्तर को सील कर दिया गया है. एसपी गर्ग पर मणिपुर से जुड़े एक मामले में पैसे के लेन-देन का आरोप है. साथ ही, एक जांच दल का भी गठन किया गया है.

एनआईए के एसपी विशाल गर्ग पर दो साल पहले हाफिज सईद से जुड़े फंडिंग के एक केस में दिल्ली के व्यापारी से दो करोड़ रुपए लेनदेन के आरोप लगे थे. इस मामले में गर्ग को एक साल तक सस्पेंड रखा गया था. हालांकि बाद में उन्हें बहाल कर एसपी ट्रेनर की जिम्मेदारी दी थी. इस मामले में गर्ग सहित दो अन्य लोगों को क्लीन चिट भी मिल चुकी है. हालांकि डीआईजी रैंक के एक अधिकारी ने मामले की जांच कर गृह मंत्रालय को रिपोर्ट भेजी थी, जिसके आधार पर सस्पेंड किया गया है.

बता दें कि 2019 में दिल्ली के कारोबारी ने एनआईए एसपी गर्ग सहित तीन पर ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाए थे. व्यापारी का यह आरोप था कि फलाह ए इंसानियत फाउंडेशन से जुड़े एक आतंकी मामले में उसका नाम नहीं लेने के लिए 2 करोड़ रुपए की रिश्वत की मांग की गई थी. पाकिस्तानी चैरिटी संस्था का संचालन हाफिज सईद करता था. एनआईए ने फलाह ए इंसानियत की जांच में पाया गया कि हाफिज सईद ने अपने साथी के साथ मिलकर 2012 के आसपास दिल्ली और हरियाणा में धार्मिक नेताओं की आड़ में स्लीपर सेल और लॉजिस्टिक बेस बनाने की साजिश रची थी.

बीएसएफ से आए थे गर्ग

एसपी विशाल गर्ग मूलत: बीएसएफ में थे. 2007 में समझौता और अजमेर ब्लास्ट की जांच टीम में रह चुके हैं. 26/11 हमले के बाद वे बीएसएफ से एनआईए में डेपुटेशन पर आए थे. इसके बाद वे स्थाई रूप से एनआईए में शामिल कर लिए गए.

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