न्यूज एंकर फरार: छत्तीसगढ़ पुलिस से छीनकर ले गई थी नोएडा पुलिस, फिर मुचलके पर छोड़ा; अब रोहित रंजन फरार... एसएसपी बोले...
रोहित रंजन ने अपने मामले की अर्जेंट हियरिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है। इस पर गुरुवार को सुनवाई होगी।
रायपुर। कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ फेक न्यूज चलाने के मामले में एंकर रोहित रंजन को बचाने के लिए दिल्ली पुलिस का बड़ा खेल सामने आया है। छत्तीसगढ़ पुलिस के कब्जे से रोहित को छुड़ाकर दिल्ली पुलिस अपने साथ ले गई, लेकिन बाद में मुचलके में छोड़ दिया। छत्तीसगढ़ पुलिस जब बुधवार को रोहित को पकड़ने इंदिरापुरम स्थित घर पहुंची तो वहां ताला लगा मिला। रोहित रंजन परिवार सहित फरार है। पुलिस टीम ने फरारी पंचनामा तैयार किया है और अब दिल्ली में ही रोहित की तलाश शुरू कर दी है। इस पूरे घटनाक्रम में दिल्ली पुलिस ने छत्तीसगढ़ पुलिस को कोई मदद नहीं की, बल्कि मंगलवार को दुर्व्यवहार भी किया था। रायपुर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि रोहित रंजन के फरार होने के कारण फरारी पंचनामा तैयार किया गया है। अन्य संभावित स्थानों में तलाश की जा रही है। इधर एक नई जानकारी यह सामने आ रही है कि रोहित रंजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई है और अर्जेंट हियरिंग की मांग की है। इस याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। गुरुवार को इस मामले में सुनवाई होगी।
नाटकीय ढंग से रोहित रंजन को पकड़कर ले गई दिल्ली पुलिस, फिर बताया...
मंगलवार को सुबह जब छत्तीसगढ़ पुलिस की टीम डीएसपी उदयन बेहार के नेतृत्व में रोहित रंजन को गिरफ्तार करने पहुंची, तब अचानक दिल्ली पुलिस की टीम आ धमकी। बेहद नाटकीय घटनाक्रम में दिल्ली पुलिस ने यह कहकर न्यूज एंकर को अपने कब्जे में ले लिया कि उनके यहां पहले ही केस रजिस्टर है, इसलिए वे गिरफ्तार करने आए हैं। इसके बाद शाम को नोएडा सेक्टर 20 पुलिस ने एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि 'आज दिनांक 05/07/2022 को थाना सेक्टर-20 पर पंजीकृत मु0अ0सं0 273/22 धारा 505(2) आईपीसी के विवेचना के क्रम में जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन को पूछताछ के लिए उनके आवास न्यू स्कोर्टिस सोसाइटी, अहिंसा खण्ड, इंदिरापुरम से नोएडा लाया गया। पूछताछ के बाद साक्ष्यों के आधार पर उनकी गिरफ्तारी की गई। उनके ऊपर लगी धाराओं के जमानतीय अपराध होने के चलते उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है।'
यह जानकारी मिलने पर आज सुबह 9 बजे छत्तीसगढ़ पुलिस रोहित के घर पहुंची पर वहां रोहित के घर में ताला लगा था। रोहित और उनका परिवार वहां नहीं मिला। छतीसगढ़ पुलिस ने फरारी पंचनामा बनाया है। छत्तीसगढ़ पुलिस की 12 सदस्यीय टीम अभी भी गाजियाबाद में है और रोहित की तलाश कर रही है।
छत्तीसगढ़ पुलिस के पहुंचने की खबर मिली और अचानक एफआईआर कर पहुंच गई दिल्ली पुलिस
रोहित पर दर्ज जिस एफआईआर के लिए गिरफ्तार करने की बात कह सेक्टर 20 थाने की पुलिस छतीसगढ़ पुलिस से छीन कर ले गई थी, वह एफआईआर गौतमबुद्ध नगर नोएडा के सेक्टर-20 थाने में सुबह 8.33 मिनट को हुई। मतलब छतीसगढ़ पुलिस के रोहित के घर पहुंचने के बाद फुर्ती दिखाते हुए नोएडा पुलिस ने एफआईआर रजिस्टर्ड की और नामजद आरोपी नहीं होने पर रंजन को गिरफ्तार करने पहुंच गई। वह भी जमानती मामले में।
एफआईआर की सबसे खास बात यह है कि इसे जी मीडिया के प्रबंधन ने ही करवाया है। एफआईआर के अनुसार 3 जुलाई को कम्पनी के नरेंद्र सिंह व विकास कुमार झा के विरुद्ध राहुल गांधी के विरुद्ध भ्रामक खबर चलाने पर कम्पनी के विरुद्ध कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन होने का हवाला दे शिकायत की गई थी। जिस पर नोएडा पुलिस ने दो दिनों तक कोई एक्शन नहीं लिया। जैसे ही रायपुर पुलिस पहुंची तो तुरंत एफआईआर कर गिरफ्तारी भी कर ली गई। सबसे खास बात यह है कि इस एफआईआर में रोहित रंजन के खिलाफ न तो नामजद एफआईआर हुई है और न ही शिकायत। पर नोएडा पुलिस ने उनका जांच में नाम आना बता उनकी गिरफ्तारी कर ली। मतलब की एफआईआर के चंद मिनटों में ही तेजी से विवेचना कर पुलिस ने रोहित की भूमिका ने तय कर ली। जी प्रबंधन के अधिकारियों ने एफआईआर में बताया है कि कम्पनी के नरेंद्र सिंह और विकास कुमार झा फेक न्यूज के मामले मे दोषी हैं। मतलब उन्होंने राहुल गांधी के न्यूज को एक तरह से खुद ही फेक होने की पुष्टि कर दी। हालांकि उन्होंने चूक व असावधानी के चलते राहुल गांधी का गलत बयान न्यूज में चलने की बात भी दर्ज एफआईआर में कही है।