राहुल पर 'मां' की कृपा: पुरी में गुम गया था राहुल, मंदिर में चुनरी ओढ़कर बैठा मिला...रेस्क्यू ऑपरेशन में छोटे भाई की रही बड़ी भूमिका, जानें क्या...

राहुल के परिजन के साथ-साथ गांव के लोग भी याद कर रहे स्वभाव को। सभी भगवान से प्रार्थना कर रहे कि जल्दी बाहर आए राहुल।

Update: 2022-06-14 15:06 GMT

जांजगीर, 14 जून 2022। राहुल साहू 100 घंटे से बोरवेल में फंसा हुआ है। कई बार उसके कंधे तक पानी पहुंच जाता है। ऐसी विकट स्थिति जिसके बारे में सोचकर ही रौंगटे खड़े हो जाते हैं, लेकिन राहुल पूरी जीवटता से उन परिस्थितियों से पिछले 100 घंटे से जूझ रहा है। क्या यह कोई चमत्कारिक शक्ति है...जिसके प्रभाव से वह अभी भी संघर्ष कर रहा है। इस सवाल के जवाब में राहुल की मां गीता साहू भी मानती है कि उस पर मातारानी की कृपा है। इससे जुड़ी एक कहानी भी है।

कुछ साल पहले राहुल अपने माता-पिता के साथ पुरी गया था। वहां देशभर से आए पर्यटकों के भीड़ में अचानक राहुल गुम हो गया। एक दिव्यांग बच्चा जो बोल नहीं सकता, सुन नहीं सकता। मानसिक स्थिति भी ऐसी नहीं कि वह किसी को समझा सके कि वह अपनी माता-पिता से बिछड़ गया है। यह सोच-सोचकर घरवाले भी चिंतित थे। काफी देर तक जब उसकी कोई खोज-खबर नहीं मिली तो घरवालों की उम्मीद टूट रही थी।

आखिरकार काफी देर की तलाश के बाद राहुल देवी मंदिर के पास मिला। उसने माता की चुनरी ओढ़ी हुई थी। बोरवेल में राहुल के गिरने के बाद अब घरवाले उस किस्से को याद करते हैं कि किस तरह वे उम्मीद हार बैठे थे और चमत्कारिक ढंग से वह मिला था। इसी तरह पांच दिनों से बोरवेल में जूझ रहे राहुल की जीवटता पर माता-पिता को भरोसा है कि उस कुछ नहीं होगा। गांव के बड़े-बुजुर्ग भी राहुल के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। उनके मुताबिक राहुल का स्वभाव काफी अच्छा है। वह इशारों में बात करता है। उससे मजाक करने पर भी बुरा स्वभाव नहीं करता।

छोटे भाई ऋषभ की आवाज में वह जादू जिस पर राहुल एक्टिव होता है

एक और रोचक जानकारी यह मिल रही है कि राहुल को अपने छोटे भाई ऋषभ से काफी लगाव है। ऋषभ करीब दो साल छोटा है। सामान्य स्थितियों में भी वह राहुल के साथ ही रहता है। उसकी देखरेख करता है। जब राहुल बोरवेल में गिरा तो समस्या यह थी कि उसे कोई भी कमांड कैसे दें, क्योंकि वह सुन नहीं सकता। लेकिन ऋषभ की जादुई आवाज थी कि उसे जब केला खाने दिया गया या पीने के लिए फ्रूटी दिया गया तो वह पीने लगा। पानी भरने पर जब बाल्टी गिराई गई तो रेस्क्यू टीम के मन में दो चीजें थीं। या तो राहुल बाल्टी पकड़कर ऊपर आने की कोशिश करे या उसकी मदद से पानी ही निकालते रहेंगे। बाल्टी देखकर राहुल पानी भरने में मदद करने लगा। घरवाले मानते हैं कि कोई अलौकिक शक्ति ही है, जो राहुल को ऐसे काम के लिए प्रेरित कर रही है, क्योंकि राहुल ने कभी ऐसा कोई काम नहीं किया था।

सक्ती में बारिश हुई, लेकिन पिहरिद में थोड़ी सी हवा के बाद बंद

राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन में आंधी-बारिश से खतरा बढ़ सकता था, क्योंकि बारिश होने पर आसपास का वाटर लेवल रिचार्ज होता और परेशानी हो सकती थी। लेकिन सक्ती में बारिश हुई और पिहरिद के आसपास सूखा रहा। इसे लेकर विधायक केशव चंद्रा ने कहा कि यह ईश्वर की कृपा है कि यहां बारिश नहीं हुई। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान दो जहरीले सांप भी सुरंग के भीतर मिले, लेकिन उसे सेना के जवानों ने मार दिया। ये दोनों सांप राहुल जिस चट्टान पर है, उसके पास ही थे।

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