Mission Rahul: 92 घंटे से चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन, अंतिम दौर में और देरी क्योंकि राहुल की सुरक्षा के लिए बेहद सावधानी से काम

डोलोमाइट की चट्टानों को छैनी हथौड़ी से तोड़ने में आ रही बड़ी पेचीदगियां, मशीन में वाइब्रेशन ज्यादा, इसलिए इस्तेमाल करने में असमंजस

Update: 2022-06-14 06:43 GMT

जांजगीर, 14 जून 2022। राहुल साहू को 80 फीट गहरे बोरवेल में फंसे अब 92 घंटे हो गए हैं। इतने ही समय से लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। राहुल और रेस्क्यू टीम के बीच जो डोलोमाइट की चट्टान है, वह बड़ी मुश्किलें खड़ी कर रहा है। राहुल उसी चट्टान पर फंसा है। उसे कोई नुकसान न पहुंचे, इसलिए मैनुअल काम किया जा रहा या मशीन को न्यूनतम तीव्रता के हिसाब से इस्तेमाल किया जा रहा है। इन पेचीदगियों के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में लगातार देरी हो रही है।

NDRF और SDRF के जवान लगातार काम कर रहे हैं। वे जितने आगे बढ़ते हैं, उतनी ही बड़ी चुनौती मिलती है, क्योंकि डोलोमाइट के पत्थरों को हटाने के लिए कई तरह की परिस्थितियों को ध्यान रखा जा रहा है। इस आशंका ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन की गति को धीमी की है कि हड़बड़ी में यदि चट्टान पर ज्यादा जोर दिया जाता है तो बोरवेल के भीतर मिट्टी न धंसे या अचानक चट्टान के बिखरने से राहुल को कोई नुकसान न हो।

इस बीच रेस्क्यू टीम ने VLC( विक्टिम लोकेशन कैमरा) लगाने की तैयारी कर रखी है। इस विशेष कैमरे से दीवार या चट्टानों के उस पार से आने वाली आवाजों को आसानी से सुना जा सकता है। कैमरे से आवाज सुनकर रेस्क्यू को और आसान बनाया जाएगा। एनडीआरएफ के जवान इस VLC कैमरे की जांच कर आवश्यक तैयारी कर चुके हैं।

सुरंग के भीतर अंतिम कार्यवाही जारी

अब रेस्कयू दल ने अंतिम कार्यवाही सुरंग के भीतर शुरू की है। बल्ली ले जाकर एक स्ट्रक्चर खड़ा किया जा रहा है। वाइब्रेटर से राहुल के नीचे के पत्थर को काटा जा रहा है। एनडीआरएफ के जवान सावधानी से यह काम कर रहे हैं। सुरंग के भीतर काम तेजी से चल रहा है। बेस बना ली गई है। बहुत ही सावधानी से कार्य के लिए निर्देशित किया गया है।

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