maun satyaagrah : मुख्‍यमंत्री बघेल और उनके मंत्री भी रखेंगे मौन व्रत, गांधी मैदान में कल जुटेगें प्रदेशभर के कांग्रेसी, जानिए क्‍या है मामला

छत्‍तीसगढ़ कांग्रेस कल रायपुर के गांधी मैदान में मौन सत्‍याग्रह करने जा रही है। इस maun satyaagrah में मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल सहित उनका पूरा कैबिनेट शामिल होगा।

Update: 2023-07-11 06:57 GMT

रायपुर। प्रदेशभर के कांग्रेस नेता कल 12 जुलाई को रायपुर के गांधी मैदान में एकत्र होंगे। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के नेतृत्‍व में पार्टी के नेता वहां मौन सत्‍याग्रह (maun satyaagrah) करेंगे। इस आंदोलन में मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल सहित सरकार के अन्‍य मंत्री भी शामिल होंगे। कांग्रेस का यह राज्‍य स्‍तरीय सत्‍याग्रह होगा। जो वहां गांधी प्रतिमा के सामने सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक चलेगा।

पीसीसी चीफ मरकाम ने बताया कि 12 जुलाई को कांग्रेस प्रदेश में लोकतंत्र सत्याग्रह करेगी। इस दिन कांग्रेसी मौन व्रत रखेंगे। मरकाम ने कहा कि गुजरात हाईकोर्ट का फैसला निराशाजनक जरूर है, मगर अप्रत्याशित नहीं है। कांग्रेस पार्टी इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। राहुल गांधी सत्य की राह के निडर यात्री हैं और वो भाजपा के झूठ का पर्दाफाश करते रहेंगे। इस तरह के पर्दाफाश से मोदी सरकार बौखलाई रहती है। मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए यह हो रहा है। कांग्रेस पार्टी को विश्वास है कि अंत में न्यायपालिका सत्य का ही साथ देगी। अहंकारी सत्ता को अंत में एक कड़ा जवाब मिलेगा।

बता दें कि मोदी सरनेम पर टिप्‍पणी को लेकर गुजरात की एक कोर्ट ने राहुल गांधी को सजा सुनाई है। इसके लिए खिलाफ राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील की थी। पिछले सप्‍ताह हाईकोर्ट ने इस मामले में राहुल गांधी को किसी भी तरह की राहत देने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। हाईकोर्ट के फैसले पर मरकाम ने कहा कि राहुल गांधी ने हमेशा सच की लड़ाई लड़ी है और आगे भी लड़ते रहेंगे। सच यह है कि ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल “भाई“, विजय माल्या, जतिन मेहता जैसे भगोड़े, मोदी सरकार के निगरानी में जनता के पैसे लेकर, संदिग्ध रूप से विदेश पहुंच गए। भाजपा ने उनको तो आज़ाद कर दिया, पर झूठ की चालें चल, एक राजनैतिक साज़िश के तहत, राहुल गांधी को कठघरे में खड़ा कर, संसद से निलंबित करा दिया। कांग्रेस का कोई भी नेता, हमारा कोई भी कार्यकर्ता, इस राजनैतिक साज़िश से नहीं डरता। कांग्रेस राजनैतिक लड़ाई और क़ानूनी लड़ाई, दोनों लड़ेगी।

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