महिला MLA अंबिका सिंहदेव के पति ने विधायकी छोड़ने का किया आग्रह, देखिए उनका FB पोस्ट, जानिए कौन हैं अंबिका सिंहदेव

Update: 2023-02-01 09:44 GMT

रायपुर। सोशल मीडिया पर वैकुंठपुर की विधायक अंबिका सिंहदेव के पति अमिताओ घोष का फेसबुक पोस्ट वायरल हो रहा है। पोस्ट में उन्होंने आग्रह किया है कि विधायक से इस्तीफा देकर वो सक्रिय राजनीति छोड़ दें। उन्होंने लिखा है, छत्तीसगढ़ की संसदीय सचिव और वैकुंठपूर विधायक मेरी धर्म पत्नी हैं पिछले 26 साल से। हम एक दूसरे को 51 साल से जानते हैं। 1972 से। हमारे दो बेटे हैं। उन्होंने लिखा है...आज मैं मेरी धर्म पत्नी और हमारे बच्चों की मां से अनुरोध करता हूं कि वे सक्रिय राजनीति छोड़ दें।

अंबिका सिंहदेव, महेंद्र प्रताप सिंहदेव की बेटी हैं और स्व0 रामचंद्र सिंहदेव की भतीजी है। रामचंद्र सिंहदेव कोरिया से कई बार विधायक रहे। छत्तीसगढ़ की पहली यानी अजीत जोगी सरकार के वित्त मंत्री रहे। 2013 के बाद उन्होंने चुनावी राजनीति से अलग हो गए थे। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले अंबिका सिंहदेव अपने पिता की सियासी विरासत को संभालने कोरिया लौटी थी।

देखिए उनके पति का फेसबुक पोस्ट....


अम्बिका सिंहदेव ने 2018 में हुए चुनाव में बीजेपी के मंत्री भैया लाल राजवाड़े को भारी मतों से हराया था। चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस ने उन्हें 2020 में संसदीय सचिव (मंत्री लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग विभाग) बनाया है। वें महिला एवं बालको के कल्याण संबंधी समिति में सदस्य भी है। उनका जन्म 12 फरवरी 1968 में कोलकाता में हुआ और उन्होंने बीकॉम तक के पढ़ाई की। उनकी शादी 20 अप्रैल 1996 में अमिताभ घोष से हुई है। इनके दो बच्चे भी हैं, जो विदेश में पढ़ाई करते है।

बता दें, दिवंगत रामचंद्र सिंहदेव 1967 से 2000 तक मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य, मंत्री और राज्य योजना मंडल के उपाध्यक्ष रहे। मध्यप्रदेश के विभाजन के पश्चात उनका कार्यक्षेत्र छत्तीसगढ़ हो गया, जहां वे राज्य के पहले वित्तमंत्री भी बने। सन्‌ 1930 में जन्मे वे कोरिया रियासत के राजा रामानुज प्रताप सिंह के छोटे बेटे थे। उनकी स्कूली शिक्षा राजकुमार कॉलेज रायपुर और उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय में हुई, जहां से उन्होंने एमएससी और पीएचडी की उपाधियां प्राप्त कीं।

कोरिया राजघराने के राजा रामचंद्र सिंहदेव ने 1967 में विधानसभा का चुनाव लड़े और जीते भी। अविभाजित मध्यप्रदेश में 1967 में चुनाव जीतने के बाद रामचंद्र सिंहदेव ने एक साथ 16 विभाग अकेले संभाले थे। फिर 6 बार चुनाव जीते और मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में विभिन्न महत्वपूर्ण मंत्री पदों पर थे।

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