Mahasamund News-ये आश्रम है या यातनागृह: आश्रम में नाबालिग लड़की के मुंह में डाल दी जलती लकड़ी, डंडे से पीटा, बच्ची अस्पताल में, 3 गिरफ्तार

महासमुंद जिले के बागबाहरा स्थित जय गुरुदेव आश्रम से अमानवीय खबर है। एक नाबालिग लड़की के मुंह में डाल दी जलती लकड़ी

Update: 2023-03-01 17:24 GMT

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महासमुंद। महासमुंद जिले के बागबाहरा थाना क्षेत्र जय गुरुदेव मानस आश्रम के सेवादारों की दरिंदगी सामने आई है। सेवादारों ने आश्रम में रह रही एक नाबालिग के मुंह में जलती हुई लकड़ी डाल दी। सेवादार यहीं नहीं रूके और नाबालिग के शरीर में भी कई जख्म दिए। साथ ही उसकी जमकर पिटाई कर दी। नाबालिग अब बागबाहरा के ही अस्पताल में भर्ती है, जहां उसका इलाज जारी है। इधर, मामले की जानकारी मिलते ही बागबाहरा पुलिस ने घटना में शामिल तीनों सेवादारों को गिरफ्तार कर लिया है।

बागबाहरा थाना प्रभारी स्वराज त्रिपाठी ने बताया कि अभनपुर के कठिया निवासी मनीष सिन्हा ने मामले की लिखित शिकायत की है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने आईपीसी की धारा 307, 294, 506, 34 के तहत मामला पंजीबद्ध कर जय गुरुदेव मानस आश्रम पतेरापाली के सेवादार नरेश पटेल, भोजराम साहू, राकेश दीवान को गिरफ्तार कर लिया है।

भोग लगाने की बात को लेकर हुआ था विवाद

थाना प्रभारी स्वराज त्रिपाठी ने बताया कि घटना 24 फरवरी की है। आश्रम में भोग लगाने को लेकर सेवादारों ने नाबालिग से विवाद शुरू कर दिया। विवाद इतना बढ़ गया कि तीनों ने मिलकर जलती हुई लकड़ी से नाबालिग की पिटाई शुरू कर दी। सेवादारों ने जलती हुई लकड़ी को नाबालिग के मुंह में डाल दिया और उसके पैर, जांघ, पीठ, दोनों भुजा को भी दाग दिया। इससे नाबालिग का गला, मुंह होठ, जीभ, तालु जल गया है।

डॉक्टर ने रिपोर्ट में लिखा- पीड़िता की चोट गंभीर, समय पर इलाज नहीं मिलता तो हो जाती मौत

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने नाबालिग का डॉक्टरी मुलाहिजा कराया। डॉक्टर ने पुलिस को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें लिखा है कि पीड़िता की चोंट की प्रकृति गंभीर है और समय में इलाज नहीं मिलता तो उसकी मौत भी हो सकती थी।

20 फरवरी को आश्रम लेकर पहुंचे थे परिजन

पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नाबालिग पिछले कई दिनों से बीमार रह रही थी। तभी परिजनों को आश्रम के बारे में जानकारी मिली। 20 फरवरी को परिजन नाबालिग को लेकर आश्रम पहुंचे और उसे भाई के साथ छोड़कर गांव कठिया, अभनपुर लौट गए। नाबालिग का भाई भी 22 फरवरी को ही गांव लौट गया, जिसके बाद वह अकेली ही अन्य भक्तों और सेवादारों के साथ आश्रम में थी।

सेवादारों ने परिजनों को दी धमकी

घटना के बाद भी सेवादार रूके नहीं। सेवादार सीधे नाबालिग के घर पहुंच गए और परिजनों को जान से मारने की धमकी भी दी। सेवादारों ने परिजनों से कहा कि यदि मामले की शिकायत पुलिस से की तो और भी बुरा होगा।

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