Loksabha Chunav 2024: CG क्या पीसीसी चीफ की कटेगी टिकट: 5 सीटों पर कहां फंसी है पेंच, जानिए...इन सीटों पर कांग्रेस क्यों नहीं कर पाई प्रत्याशी तय...
Loksabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने कल (शुक्रवार) को 39 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की। इनमें छत्तीसगढ़ की 11 में से 6 सीट भी शामिल है। प्रदेश की 5 सीटों पर कांग्रेस ने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान नहीं किया है। इसमें 4 आदिवासियों के लिए आरक्षित व एक सामान्य सीट शामिल है।
Loksabha Chunav 2024: रायपुर। कांग्रेस ने एक दिन पहले (शुक्रवार) कुल 39 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। इनमें हिंदी बेल्ट में मात्र छत्तीसढ़ के लिए प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया गया है बाकी प्रत्याशी दक्षिण भारत के हैं। कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि चूंकि छत्तीसगढ़ में इंडिया गठबंधन में शामिल कोई भी दल प्रभावि भूमिका में नहीं है। इस वजह से यहां सीट शेयरिंग को लेकर कोई विवाद नहीं है। यानी सभी 11 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि तो पार्टी ने यहां की 11 में से केवल 6 ही प्रत्याशियों के नामों की घोषणा क्यों की, बाकी 5 सीटों को क्यों छोड़ दिया गया। जबकि 5 में से 4 सीट आदिवासी आरक्षित सीट है। उनमें भी एक बस्तर सीट कांग्रेस के पास हैं। वहां से सांसद दीपक बैज प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। तो क्या पार्टी पीसीसी चीफ का टिकट काटने की तैयारी में है।
छत्तीसगढ़ में 3 महीने पहले सत्ता गंवाने वाली कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेताओं को लोकसभा चुनाव 2024 के रण में उतार दिया है। पार्टी ने राज्य की 11 में से 6 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है। पूर्व सीएम भूपेश बघेल को राजनांदगांव से प्रत्याशी बनाया गया है। पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू को महासमुंद, पूर्व मंत्री शिवकुमार डहरिया को जांजगीर से टिकट दिया गया है। कोरबा की सीटिंग एमपी ज्योत्सना महंत फिर से मौका दिया गया है, जबकि एक मात्र दुर्ग सीट से राजेंद्र साहू के रुप में नए चेहरे को मैदान में उतारा गया है। रायपुर में पूर्व विधायक और संसदीय सचिव विकास उपाध्याया को प्रत्याशी बनाया गया है।
प्रदेश की 5 सीटों पर सियासी समीकरण और पसंद के प्रत्याशी को लेकर पेंच फंस रहा है। बस्तर सीट जहां से पीसीसी चीफ दीपक बैज सांसद हैं उस सीट से कवासी लखमा अपने पुत्र हरीश लखमा को चुनाव लड़ाना चाहते हैं। इस सीट के लिए प्रत्याशियों के पैनल में पूर्व पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और विधायक लखेश्वर बघेल का भी नाम है। पार्टी सीटिंग एमपी को ही चुनाव लड़ाना चाह रही है लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने उनके खिलाफ जिस तरह से धर्मांतरण को मुद्दा बनाया था उसकी वजह से बैज और पार्टी दोनों सोच में पड़े हुए हैं। उधर, कोंटा सीट से लगातार चुनाव जीत रहे लखमा अपने बेटे को टिकट दिलाने के लिए पूरी ताकत लगाए हुए हैं। करीब 4 साल तक पीसीसी की कमान संभालने वाले मरकाम भी पूरी ताकत से दावेदारी कर रहे हैं। ऐसे में यह चर्चा निकल कर आ रही है कि बैज को सभी 11 सीटों पर प्रचार के लिए मुक्त रखते हुए बस्तर से किसी दूसरे को टिकट दिया जाएगा।
कांकेर सीट से बीरेश ठाकुर और नरेश ठाकुर का नाम पैनल में था। बीरेश ठाकुर को 2019 में भी प्रत्याशी बनाया गया था, लेकिन वे बीजेपी के मोहन मंडावी से हार गए थे। नरेश ठाकुर जिला अध्यक्ष के साथ ही प्रदेश संगठन में काम कर चुके हैं। पर्यटन बोर्ड में सदस्य भी रहे हैं। बताया जा रहा है कि इन्हीं 2 नामों में से किसी एक को टिकट मिलना था, लेकिन विधायक व पूर्व मंत्री अनिला भेंड़िया के नाम पर भी विचार किया जा रहा है। इसकी वजह से इस सीट को भी फिलहाल होल्ड कर दिया गया है।
सरगुजा सीट पर प्रत्याशी चयन का मामला पूर्व मंत्री अरमजीत भगत की वजह से अटक गया है। इस सीट के लिए भगत के साथ ही शशि सिंह का नाम पैनल में है। शशि सिंह पूर्व मंत्री तुलेश्वर सिंह की पुत्री हैं। शशि सूरजपुर जिला पंचायत सदस्य और कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव हैं। इस सीट को लेकर अभी पिक्चर साफ नहीं हैं। कांग्रेस के एक नेता के अनुसार पार्टी इस सीट से भगत को चुनाव लड़ाना चाह रही है, लेकिन वे राजी नहीं हैं। वहीं, एक दूसरे नेता ने कहा कि शशि का नाम फाइनल हो गया था, लेकिन प्रदेश के एक नेता ने भगत का नाम आगे बढ़ा दिया। इससे इस सीट पर पेंच फंस गया।
रायगढ़ सीट के लिए प्रदेश से भेजे गए पैनल में 3 नाम हैं। इनमें धरमजयगढ़ सीट से विधायक लालजीत सिंह राठिया, पूर्व विधायक चक्रधारी सिदार और रामनाथ सिदार का नाम शामिल है। बताया जा रहा है कि दिल्ली में बैठक के दौरान एक महिला प्रत्याशी के नाम का प्रस्ताव रखा गया है। इसके बाद इस सीट को भी होल्ड कर दिया गया है।
एक मात्र बिलासपुर सीट से यादव प्रत्याशी, लेकिन कौन...
कांग्रेस ने जिन 5 सीटों पर प्रत्याशी के नामों की घोषणा नहीं की है उसमें एक मात्र बिलासपुर सामान्य सीट है। इस सीट से टीएस सिंहदेव के नाम की चर्चा थी, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया। पार्टी नेताओं के अनुसार इसके बाद वहां से यादव (ओबीसी) को टिकट दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार बिलासपुर से विष्णु यादव का नाम फाइनल हो गया था। यादव जिला कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रह चुके हैं। पार्टी के भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार टिकट को लेकर दिल्ली बैठक के दौरान प्रदेश के एक बड़े नेता ने अचानक देवेंद्र यादव का नाम बिलासपुर सीट के लिए प्रस्तावित कर दिया।