Lok Sabha elections 2024: संसद में नारी शक्ति : जानिए.. प्रथम निर्वाचित लोकसभा की 22 महिला सांसदों को, इनमें हिंदु महासभा की भी थीं एक सांसद..

Lok Sabha elections 2024: भारत 1947 में आजाद हुआ, तब देश में अंतरिम सरकार बनी थी। देश में पहला आम चुनाव 1952 में हुआ, तब लोकसभा की 498 सीट थी। इन सीटों पर 22 महिलाओं ने जीत दर्ज की थीं उनमें छत्‍तीसगढ़ की भी एक महिला सांसद शामिल थीं।

Update: 2024-04-08 07:29 GMT

Lok Sabha elections 2024: एनपीजी न्‍यूज डेस्‍क

अगले लोकसभा चुनाव (2029) में कुल लोकसभा सीट की 33 फीसदी सीट महिलाओ के लिए सुरक्षित हो जायेगी। ये बात संवैधानिक रूप से निर्धारित कर दी गई है। यदि वर्तमान लोकसभा क्षमता 542 ही अगले चुनाव में निर्धारित रहती है तो 178 सीट महिलाओं के लिए सुरक्षित हो जायेगी।ये भी संभावना है कि जिस हिसाब से नया लोकसभा भवन बना है उसमे कुल क्षमता 888 है। इससे इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि लोकसभा क्षेत्र का परिसीमन भी हो क्योंकि संविधान के अनुसार 1952 के लोकसभा के सीटों का निर्धारण करते समय आबादी न्यूनतम दस लाख निर्धारित की गई थी। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर लोकसभा सीट के 2019 के चुनाव में 21.11 लाख मतदाता थे। इस हिसाब से रायपुर ही दो लोकसभा सीट में विस्तारित हो जायेगा। दूसरी तरफ से कान पकड़े तो 2029 में 720 लोकसभा सीट के लिए चुनाव होगा, ये माना जा सकता है।

आधी आबादी तो पचास फीसदी सीट की मांग जनसंख्या के आधार पर कर रही है लेकिन पिछले 16 लोकसभा चुनावों में महिला सांसदों की संख्या देखे तो 1952 के 22 की तुलना में लगभग तीन गुना संख्या 61 हो गई है। 1952 के पहले लोक सभा चुनाव में 22 महिलाए देश भर की 489 सीट में से जीत कर लोकसभा में पहुंची थी। पार्टीवार संख्या देखे तो स्वतंत्रता दिलाने में अग्रणी पार्टी कांग्रेस की अठारह महिला उम्मीदवार जीते। स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में दो और एक एक उम्मीदवार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और हिंदू महासभा से विजयी हुए।

कांग्रेस की महिला सांसद

अमृत कोर (मंडी,जहां से कंगना रनौत वर्तमान में चुनाव लड़ रही है) हिमाचल प्रदेश

अनुसुइया बोरकर (भंडारा) मध्य प्रदेश

गंगा देवी(लखनऊ) उत्तर प्रदेश

मारागत्तम (त्रिवेल्लुर)

पुष्पा देवी(कवल) पंजाब

सुचेता कृपलानी(नई दिल्ली)

मिनी माता (बिलासपुर - दुर्ग - रायपुर) मध्य प्रदेश

वज्रदेवी नेहरू(लखनऊ सेंट्रल) उत्तर प्रदेश

उमा नेहरू( सीतापुर) उत्तर प्रदेश

अनुसुइया काले नागपुर(मध्य प्रदेश)

बी कंगमंत (स्वायत्त आसाम)

इंदिरा मयदेवपूना दक्षिण(बंबई)

जयश्री राजी (बंबई दक्षिण)बंबई

मणीबेन वल्लभ भाई पटेल कैरा (दक्षिण बंबई)

पुष्प सेन, भागलपुर (बिहार)

अमु स्वामीनाथन डिंडीगुल(मद्रास)

तारकेश्वरी सिन्हा पटना,पूर्व(बिहार)

विजय लक्ष्मी पंडित भारतीय

कम्युनिस्ट पार्टी महिला सांसद

रेणु चक्रवर्ती बशीर हाट ( पश्चिम बंगाल)

हिंदू महासभा महिला सांसद

शकुंतला नायर गोंडा (उत्तर प्रदेश)

स्वतंत्र महिला सांसद

एरी मस्केयर त्रिवेंद्रम (त्रिवेंद्रम - कोचीन)

राजमाता केमलेंदुमति गढ़वाल (हिमाचल प्रदेश )

इनमे से अमृत कौर को पंडित जवाहरलाल नेहरू के पहले मंत्रिमंडल में केबिनेट मंत्री के रूप में स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। अमृत कौर के स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद देश में पहले आईएएस बैच के लिए आयोजित इंटरव्यू में एक प्रश्न पूछा गया था कि देश के सूचना प्रसारण मंत्री को दाढ़ी बनाने में आठ मिनट लगते है तो स्वास्थ्य मंत्री को दाढ़ी बनाने में कितना समय लगेगा? छत्तीसगढ़ के लोग गर्व कर सकते है कि उनके वर्तमान राज्य के अतीत में पहली लोकसभा में मिनी माता लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुई थी।

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