सियासी पारी खेलने आईएएस ने दिया इस्तीफा, चार महीने पहले ही बने थे आईएएस

Update: 2022-06-03 12:52 GMT

भोपाल 3 जून 2022। मध्यप्रदेश कैडर के एक आईएएस ने इस्तीफा दे दिया। अटकलें है कि राजनीति में जाने के लिए उन्होंने इस्तीफा सौपा है। आईएएस का नाम वरदमूर्ति मिश्रा है। जिन्हें चार माह पहले ही आईएएस अवार्ड हुआ था। मिश्रा 2029 में रिटायर होने वाले थे। इस हिसाब से उनकी 7 वर्ष की सर्विस बची थी।

मिली जानकारी के अनुसार सन 1996 में राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित होकर वरदमूर्ति मिश्रा डिप्टी कलेक्टर बने थे। कैट में लंबी लड़ाई लड़ने के बाद उन्हें आईएएस अवार्ड हुआ था। मिली जानकारी के अनुसार उनके जूनियरों को प्रमोशन मिलने के बाद वे आईएएस अवार्ड के लिए कैट गए थे। जहां से आदेश होने के बाद उन्हें 17 जनवरी 2022 को आईएएस अवार्ड हुआ था।

वरदमूर्ति पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के करीबी माने जाते थे। वे उनके मुख्यमंत्री रहने के दौरान उनके ओएसडी रहे थे। इसके बाद कमलनाथ ने उन्हें छिदवाड़ा में यूनिवर्सिटी की स्थापना कर वहां रजिस्ट्रार बना कर भेज दिया। जब राज्य में भाजपा की सरकार बनीं तो उन्हें वापस भोपाल पदस्थ कर दिया गया।

वर्तमान में वरदमूर्ति खनिज विकास निगम में कार्यकारी निदेशक के तौर पर कार्य कर रहे थे। उनकी छवि पब्लिक में घुलने मिलने वाली रही व वह प्रदेश के कई जिलों में पदस्थ रहे। कयास लगाए जा रहे हैं कि वे जल्द राजनीति में उतर सकते हैं। मिश्रा ने इस्तीफा देने के साथ तीन माह का वेतन भी जमा करवा दिया है।

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