IAS को चाहिए VRS: यूपी कैडर के दो और आईएएस ने वीआरएस के लिए किया आवेदन... ये लिखी वजह

Update: 2022-07-31 09:04 GMT

NPG ब्यूरो। देश की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवा से क्या आईएएस अफसरों का मोहभंग हो रहा है...यूपी में जिस तरह अफसर वीआरएस के लिए आवेदन कर रहे हैं, उसने नई बहस छेड़ दी है। 1993 बैच के आईएएस राजीव अग्रवाल के बाद अब दो और आईएएस ने वीआरएस के लिए आवेदन किया है।

इनमें 1988 बैच की जुथिका पाटणकर और 2003 बैच के विकास गोठलवाल शामिल हैं। जुथिका सेंट्रल डेपुटेशन पर हैं और केंद्रीय सूचना आयोग में सचिव हैं। वहीं, विकास करीब सालभर से स्टडी लीव पर हैं और अचानक वीआरएस के लिए आवेदन कर सबको चौंका दिया है। यूपी सरकार का नियुक्ति विभाग इन आवेदनों पर विचार कर रहा है।

जो खबरें सामने आ रही हैं, उसके मुताबिक जुथिका पाटणकर ने वीआरएस के लिए व्यक्तिगत कारणों का हवाला दिया है। वहीं, विकास गोठलवाल ने स्वास्थ्यगत कारणों से वीआरएस मांगा है। स्टडी लीव पर जाने से पहले विकास सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के पद पर तैनात थे। वे सितंबर, 2021 से स्टडी लीव पर हैं।

34 साल की सर्विस और सिर्फ दो माह कलेक्टर

जुथिका पाटणकर ऐसी आईएएस अफसर हैं, जिन्होंने 34 साल सेवा की, लेकिन उन्हें कलेक्टरी सिर्फ दो महीने के लिए ही मिली। सर्विस रिकॉर्ड के मुताबिक जूथिका पाटणकर अपनी पूरी सर्विस में सिर्फ दो महीने रामपुर की डीएम रहीं। जूथिका केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर तैनात रहीं। यूपी में उनकी अंतिम तैनाती प्रमुख सचिव राज्यपाल के रूप में रही। वे मई, 2014 से जून, 2018 तक इस पद पर तैनात रहीं।

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