सिरदर्द बना आंदोलनः सहायक शिक्षकों की हड़ताल पर सरकार झुकने तैयार नहीं, शिक्षक भी अड़े, मांग पूरी करने में ये है उलझनें...

Update: 2021-12-22 13:50 GMT

रायपुर, 22 दिसंबर 2021। वेतन विसंगति की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ के एक लाख से अधिक सहायक शिक्षक 11 दिसंबर से हड़ताल पर हैं। शीतलहर के बावजूद राजधानी के बूढ़ा तालाब के पास उनका धरना-प्रदर्शन लगातार जारी है।

सहायक शिक्षक 2400 के पे ग्रेड को बढ़ाकर 4200 करने की मांग कर रहे हैं। शिक्षक नेताओं का कहना है कि संविलियन के समय उनके साथ न्याय नहीं हुआ। यही वजह है कि शिक्षक और व्याख्याताओं की तुलना में उनका ग्रेड पे काफी कम निर्धारित हुआ। वे इसी विसंगति को दूर करने की बात कर रहे हैं।

बता दें, संविलियन के बाद शिक्षाकर्मी वर्ग तीन को सहायक शिक्षक माना गया। और वर्ग दो को शिक्षक और वर्ग तीन को लेक्चरर। सहायक शिक्षक का ग्रेड पे तय हुआ 2400 और शिक्षकों का 4200 और लेक्चचर का 4300 रुपए। इस हिसाब से संविलियन के बाद नए भरती होने वाले सहायक शिक्षकों के हाथ में 26000, शिक्षकों को 35100 और लेक्चरर को 39000 आता है। सहायक शिक्षकों की मांग है कि उनका ग्रेड पे 2400 से बढ़ाकर 4200 किया जाए। याने शिक्षकों के बराबर। हालांकि, ये भी सही है कि शिक्षाकर्मी की जब भरती प्रारंभ हुई थी, उस समय भी तीनों केटेगरी में यही अंतर था। वर्ग तीन को 500 रुपए, वर्ग दो को 750 और वर्ग एक को एक हजार प्रति महीने वेतन था।

सरकार के समक्ष दिक्कत यह है कि अगर सहायक शिक्षकों का ग्रेड पे बढ़ाकर 4200 किया गया तो वे शिक्षक के समतुल्य हो जाएंगे। ऐसे में फिर, शिक्षक मांग करेंगे कि जब सहायक शिक्षकों का ग्रेड पे बढ़ गया तो हमारा भी बढ़ाया जाए। शिक्षको और लेक्चरर के ग्रेड पे में मात्र 100 रुपए का फर्क है। अगर शिक्षकों का ग्रेड पे 100 रुपए भी बढ़ाया गया तो फिर लेक्चरर अपना वेतन बढ़ाने की मांग कर देंगे।

तीनों केटेगरी में अंतर यह है कि जब भरती हुई थी तब शिक्षाकर्मी वर्ग-3 को बारहवीं के आधार पर लिया गया। इसी तरह शिक्षाकर्मी वर्ग-2 को स्नातक और शिक्षाकर्मी वर्ग-1 को स्नातकोतर वांछित योग्यता थी। लिहाजा, तीनों केटेगरी में वेतन का फर्क तो रहेगा ही।

सरकार के समक्ष दिक्कत यह है कि सहायक शिक्षक लेवल सिक्स में आते हैं। याने हायर सेकेंड्री योग्यता वाले पदों को लेवल छह में रखने का प्रावधान है। जानकारों का कहना है कि सरकार इसलिए सहायक शिक्षकों की मांगों को पूरा करने में हिचक रही है क्योंकि सहायक शिक्षकों को ग्रेड पे अगर बढ़ा तो दीगर विभागों के तृतीय श्रेणी कर्मचारी फिर अपना ग्रेड पे बढ़ाने की मांग शुरू कर देंगे। 4200 ग्रेड पे कर्मचारियों का भी नहीं है।

वर्तमान स्थिति में सरकार हो सकता है कुछ निश्चित भत्ता याने वेतन के अतिरिक्त कुछ राशि देकर हड़ताल खतम कराने की कोशिश करें। वैसे भी 24 दिसंबर से स्कूलों की छुट्टियां लगने जा रही है। हड़ताली शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश भी जारी हो गया है। इसको देखते नहीं लगता कि सरकार झुकने के मूड में है। इस विषय में जब हमने वित्त विभाग के जानकार लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि यदि एक वर्ग विशेष यानी सहायक शिक्षक के वेतनमान में बढ़ोतरी करते हुए उन्हें लेवल 6 से लेवल 8 में लाया जाता है तो उसी वेतनमान में काम कर रहे अन्य विभाग के कर्मचारी भी स्वाभाविक रूप से आंदोलनरत हो जाएंगे जिसमें स्वास्थ्य विभाग से लेकर सभी विभागों के लिपिक स्टाफ तक शामिल है जिसे लेकर सरकार भी चिंतित है और इधर सहायक शिक्षकों की बात करें तो लेवल 8 की मांग ही सहायक शिक्षकों की मूल मांग है ।

सहायक शिक्षकों का कहना है कि जब व्याख्याता और शिक्षक के बीच महज 3 से 4 हजार रुपये का अंतर है तो शिक्षक और सहायक शिक्षक के बीच 10 हजार का अंतर क्यों ??? यह भी समानुपातिक रूप से तीन या चार हजार का अंतर ही क्यों नहीं है और सहायक शिक्षक यही चाहते हैं । हालांकि कुछ सहायक शिक्षक इसके लिए पुनरीक्षित वेतनमान के समय हुए वेतन निर्धारण को भी दोषी मानते हैं लेकिन पुनरीक्षित वेतनमान में यदि गड़बड़ी हुई थी तो वह किसी वर्ग विशेष बस के लिए नहीं था बल्कि तीनों वर्गाे यानी व्याख्याता, शिक्षक और सहायक शिक्षक के साथ हुआ था और यदि उसमें संशोधन होगा तो वर्तमान में जो खाई है वह और अधिक बढ़ जाएगी ।

क्या हो सकता है सरकार का रुख !

सरकार सीधे तौर पर तो 4200 ग्रेड पे का वेतनमान स्वीकार करने की स्थिति में नजर नहीं आती लेकिन सहायक शिक्षकों को सरकार नाराज भी नही करना चाहेगी , ऐसे में सरकार एकमुश्त राशि भत्ते के रूप में सहायक शिक्षकों को दे सकती है जिससे सहायक शिक्षकों के वेतन में बढ़ोतरी हो जाएगी और सहायक शिक्षक और शिक्षक के बीच का फासला भी कम हो जाएगा लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि इसके लिए सहायक शिक्षक तैयार होने चाहिए।

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