हड़ताल पर सरकार सख्‍त: सर्विस ब्रेक के आदेश से कर्मचारी संगठन नाखुश, फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा बोले NPG से...

कर्मचारियों- अधिकारियों के सात जुलाई के हड़ताल को लेकर सरकार सर्विस ब्रेक का आदेश जारी कर दिया है। इससे सात जुलाई को काम पर नहीं आने वाले सभी कर्मियों का सर्विस ब्रेक माना जाएगा।

Update: 2023-07-08 07:09 GMT

रायपुर। छत्‍तीसगढ़ में कर्मचारियों- अधिकारियों के आंदोलन को लेकर सरकार ने सख्‍त रुख अख्तियार कर लिया है। सरकार ने सात जुलाई को हड़ताल पर रहने वाले कर्मियों का सर्विस ब्रेक करने का आदेश जारी कर दिया है। सामान्‍य प्रशासन विभाग (जीएडी) के इस आदेश से कर्मचारी संगठन नाराज हो गए हैं। कर्मचारी नेता कह रहे हैं कि सरकार को बैठक करके समस्‍या का समाधान करना चाहिए, न की दंडात्‍मक आदेश जारी करना चाहिए।

बता दें कि अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर के कर्मचारी- अधिकारी सात जुलाई को एक दिन के हड़ताल पर थे। इस हड़ताल के लिए कर्मचारियों ने अवकाश आवेदन भी दिया था। इसके बावजूद सरकार ने इस आंदोलन को गंभीरता से लिया है। डीएडी ने सात जुलाई को ही काम पर नहीं आने वाले सभी अधिकारियों- कर्मचारियों का सर्विस ब्रेक करने का आदेश जारी कर दिया है।

जीएडी के इस आदेश को लेकर कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक कमल वर्मा ने अफसोस जाहिर किया है। एनपीजी न्‍यूज से चर्चा करते हुए वर्मा ने कहा कि सरकार को समस्‍या के समाधान के विषय में सोचना चाहिए। कर्मचारी संगठनों को बुलाकर उनकी मांगों पर चर्चा करनी चाहिए, ताकि कोई समाधान निकल सके। उन्‍होंने कहा कि इस तरह के दंडात्‍मक आदेश से नाराजगी और बढ़ सकती है।

उल्‍लेखनीय है कि कर्मचारी संगठनों ने एक अगस्‍त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का अल्‍टीमेट दे रखा है। कर्मचारी केंद्रीय कर्मियों के बारबार 42 प्रतिशत डीए की मांग कर रहे हैं। सरकार ने छह तारीख को कैबिनेट की बैठक में डीए पांच प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है। इससे राज्‍य के कर्मियों का डीए बढ़कर 38 प्रतिशत हो गया है। कर्मचारी संगठनों ने सरकार के इस कमद का स्‍वागत तो किया है, लेकिन बाकी चार मांगों पर भी सकारात्‍कम फैसला करने का आग्रह किया है।

डीए के अलाव कर्मचारियों की मांगों में गृह भाड़ा भत्ता छठे वेतनमान की बजाय सातवें वेतनमान के आधार पर देने की मांग शामिल है। इसके साथ ही कर्मचारी पिंगुआ कमेटी और सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव की अध्यक्षता में वेतन विसंगति के लिए गठित समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के जन घोषणा पत्र के क्रियान्वयन के लिए चार स्तरीय वेतनमान 8, 16, 24 व 30 वर्ष की सेवा अवधि के बाद किया जाए। साथ ही संविदा व अनियमित कर्मियों को नियमित किया जाए। पुरानी पेंशन का लाभ देने के लिए प्रथम नियुक्ति तिथि से सेवा गणना की जाए और पूर्ण पेंशन का लाभ अहर्ता दाई सेवा 33 वर्ष के स्थान पर 25 वर्ष किया जाए।

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