कर्मचारियों-पेंशनरों के लिए अच्छी खबर...पेंशन की रकम में ढाई गुणा से अधिक की वृद्धि...

Update: 2022-02-14 13:07 GMT
कर्मचारियों-पेंशनरों के लिए अच्छी खबर...पेंशन की रकम में ढाई गुणा से अधिक की वृद्धि...
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नईदिल्ली 14 फरवरी 2022. हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के लगभग पौने दो लाख पेंशनभोगियों को एक फरवरी 2022 से संशोधित पेंशन और पारिवारिक पेंशन देने का निर्णय हुआ है. प्रदेश मंत्रिमंडल के इस निर्णय से 1.30 लाख पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को एक जनवरी 2016 से संशोधित पेंशन और पारिवारिक पेंशन मिलेगी. हिमाचल प्रदेश में अब तक लोगों को फैमिली पेंशन के तहत 3,500 रुपये मिलती थी, अब 9,000 रुपये मिलेगी. हिमाचल प्रदेश की सरकार की कैबिनेट ने आज इसका निर्णय लिया.

कैबिनेट की बैठक के बाद सरकार ने सोमवार (14 फरवरी 2022) को यह ऐलान किया. सरकार की ओर से बताया गया है कि संशोधित पेंशन का लाभ हिमाचल प्रदेश के 1.73 लाख पेंशनर्स को मिलेगी. बढ़ी हुई पेंशन का भुगतान 1 फरवरी 2022 से किया जायेगा. राज्य सरकार ने कहा कि अब प्रदेश में न्यूनतम पेंशन/पारिवारिक पेंशन 3,500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये हो गयी है. बढ़ी हुई पेंशन 1 जनवरी 2016 से लागू होगी.

कैबिनेट की बैठक में सरकार ने 17 फरवरी से सभी शिक्षण संस्थानों को खोलने का भी फैसला किया है. इसमें कहा गया है कि स्कूल, कॉलेज समेत तमाम शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ जिम और सिनेमा हॉल भी 17 फरवरी से खुल जायेंगे. यानी बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल-कॉलेज में जायेंगे, जबकि मनोरंजन के लिए लोग सिनेमा हॉल में जाकर फिल्मों का लुत्फ उठा सकेंगे. जिम को भी खोलने का परमिशन दे दिया गया है.

हिमाचल प्रदेश कैबिनेट ने उपरोक्त फैसलों के अलावा एक और फैसला किया है. सरकार ने ग्रेच्यूटी की सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये करने के फैसले को भी मंजूरी दे दी है. सरकार ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश की जयराम ठाकुर सरकार का यह फैसला 1 जनवरी 2016 से प्रभावी माना जायेगा.

पिछले हफ्ते हिमाचल प्रदेश सरकार ने पहाड़ी इलाकों में सड़कों व दीवारों के निर्माण में छोटे खनिजों का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए संबंधित नियमों में बदलाव को मंजूरी दे दी थी. मंत्रिमंडल की बैठक में हिमाचल प्रदेश लघु खनिज रियायत एवं गैरकानूनी खनन निषेध नियम, 2015 को संशोधित करने की स्वीकृति दी गई. इस नियम में बदलाव के बाद पत्थर व बालू जैसे लघु खनिजों की उपलब्धता बढ़ पाएगी. इसका फायदा ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों में मिलेगा.

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