CG के स्कूल शिक्षा विभाग का भगवान मालिक, ऑनलाइन परीक्षा के लिए सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया और JD ने जारी कर दिया आदेश, प्रमुख सचिव, डीपीआई सकते में, जेडी का आदेश रोका

Update: 2022-02-17 12:43 GMT

रायपुर 17 फरवरी 2022। 236 करोड़ के भ्रष्टाचार पर सुर्खियों मे आया छत्तीसगढ़ का स्कूल शिक्षा विभाग एक से बढ़कर एक कारनामा करते जा रहा है। नया कांड यह है कि स्कूलों में ऑनलाईन परीक्षा का अभी सरकार स्तर पर कोई फैसला नहीं हुआ है। मगर बिलासपुर के ज्वाइंट डायरेक्टर ने एक स्कूल को ऑनलाईन एग्जाम के लिए आदेश जारी कर दिया। जेडी ने अपने आदेश में डीपीआई के निर्देश का हवाला दिया है मगर डीपीआई सुनील जैन का कहना है, अनुमति देने का अभी सवाल ही पैदा नहीं होता। उधर, प्रमुख सचिव डॉ0 आलोक शुक्ला ने दो टूक कहा कि सरकार स्तर पर अभी ऑनलाईन एग्जाम का कोई निर्णय नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, जब देश में सारी परीक्षाएं आफलाइन हो रहीं तो स्कूलों में ऑनलाइन क्यों होनी चाहिए।

जाहिर है, कोरोना का संक्रमण कम होने के कारण स्कूलों में इस बार आफलाइन एग्जाम होना है। लेकिन, बिलासपुर के ज्वाइंट डायरेक्टर ने एक आदेश निकालकर एक स्कूल को ऑनलाईन परीक्षा लेने की इजाजत दे दी। इस पर हड़कंप मचना ही था। पूरे प्रदेश में छात्रों के बीच संदेश गया कि जब बिलासपुर में आनलाइन तो बाकी जिलों में भी सरकार आनलाईन परीक्षा ले सकती है। इसके बाद स्कूल संचालकों से लेकर विद्यार्थी और अभिभावक वस्तुस्थिति जानने लगे फोन खड़खड़ाने। सत्यता जानने कई अभिभावकों को ने एनपीजी न्यूज के दफ्तर में फोन लगाए। बताते हैं, जेडी के आदेश से प्रमुख सचिव डॉ0 आलोक शुक्ला आवाक रह गए। एनपीजी ने वस्तुस्थिति का पता लगाने उन्हें फोन लगाया तो उन्होंने ऑनलाइन एग्जाम से अनभिज्ञता जताते हुए कहा कि न ही उन्हें इसकी जानकारी है और न ही सरकार स्तर पर इस पर कोई फैसला हुआ है। उन्होंने कहा कि ऑनलाईन एग्जाम का निर्णय अफसर नहीं लेता, कैबिनेट फैसला करता है। उन्होंने प्रतिप्रश्न किया...जब पूरे देश में ऑफलाइन परीक्षा हो रही है तो आनलाइन परीक्षा लेकर छत्तीसगढ़ के मैनपावर को कमजोर क्यों करना चाहिए।

बिलासपुर के जेडी ने अपने आदेश में डीपीआई सुनील जैन का निर्देशानुसार लिखा है। इस बारे में एनपीजी न्यूज ने सुनील जैन से बात की। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने फैसला ही नहीं लिया है तो मेरे निर्देश का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने साफ जेडी को उन्होंने ऑनलाईन परीक्षा के संबंध में कोई निर्देश नहीं दिया। डीपीआई ने बताया कि जेडी ने जिस स्कूल को ऑनलाइन एग्जाम की अनुमति दी थी, उसे रोक दिया गया है। ज्ञातव्य है, स्कूल शिक्षा विभाग की एक डायरी का खुलासा हुआ था, जिसमें नाम के साथ 236 करो़ड़ का वारा न्यारा करने के आरोप लगाए गए थे। वो तो रायपुर पुलिस का कमाल कि 24 घंटे में आरोपी पकड़ा गया और बयानों के आधार पर पुलिस ने डायरी को फर्जी करार दिया। मगर जिस तरह स्कूल शिक्षा विभाग में भर्ती से लेकर आत्मानंद अंग्रेजी स्कूलों में भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है, वह इस बात की चुगली कर रहा कि स्कूल शिक्षा विभाग में क्या चल रहा है और इस बात पर भी सवाल उठा रहा कि डायरी असली थी या नकली?

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