नाबालिग से गैंगरेप: पूर्व मंंत्री को उम्रकैद, सजा के बाद फूट-फूटकर रोने लगा... कोर्ट ने कल ही गैंगरेप के मामले में दिया था दोषी करार
लखनऊ 12 नवम्बर 2021. यूपी के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को उम्र कैद की सजा सुनाई गई. सजा सुनते ही गायत्री फूट-फूटकर रोने लगा. दरअसल सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रसाद प्रजापति को एमपी-एमएलए कोर्ट ने कल ही गैंगरेप के मामले में दोषी करार दिया था. गायत्री के साथ दो अन्य आरोपी आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी भी दोषी पाए गए हैं जबकि चार आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया था. गायत्री प्रजापति को गुरुवार को दोषी ठहराया गया था. पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति समेत तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा हुई है. वहीं दो-दो लाख का जुर्माना भी लगाया गया है.
गायत्री प्रजापति ने हाथ जोड़कर मीडिया से कहा कि ये जो फैसला आया है, यह गलत है. राजनीतिक विरोधियों द्वारा साजिश की गई है. मैं निर्दोष हूं...मेरा बयान नहीं लिया गया. मेरी मांग के बाद भी नार्को टेस्ट तक नहीं कराया गया. मैं अमेठी से चुनाव न लड़ सकूं, इसलिए ये फैसाया सुनाया गया है. मुझे इस सरकार ने फंसाया है. मुझे हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट पर विश्वास है. हम बाइज्जत बरी होंगे. मैं हिंदुस्तान की जनता से अपील करता हूं कि मुझे इंसाफ दिलाए. मैं व्हील-चेयर पर चल रहा हूं...इलाज नहीं हो रहा.
यूपी सरकार के पूर्व मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति के साथ आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. इसके अलावा कोर्ट ने दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. चित्रकूट गैंगरेप मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति को 18 मार्च 2017 में गिरफ्तार किया गया था. आरोपियों को चित्रकूट की महिला और उसकी नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
गायत्री प्रजापति उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री रह चुके हैं. दूसरी तरफ इस मामले में विकास वर्मा, चंद्रपाल, रूपेश, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू को कोर्ट ने बरी कर दिया है. इसके पहले गायत्री प्रसाद प्रजापति की तरफ से सुनवाई टालने की मांग की गई थी. इस मामले में गायत्री प्रसाद प्रजापति ने हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया था. हालांकि, हर तरफ से गायत्री प्रसाद प्रजापति को निराशा हाथ लगी.
इस मामले में जून 2017 में पुलिस ने 824 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. मामला करीब चार सालों तक चला. अभियोजन की तरफ से 17 गवाह पेश किए गए. कोर्ट ने गवाहों और चार्जशीट के आधार पर गायत्री प्रजापति को दोषी करार दिया. मामले में फरवरी 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की थी. इसके बाद लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में सपा सरकार में खनन मंत्री रहे गायत्री प्रजापति समेत सात लोगों पर गैंगरेप, जान से मारने की धमकी देने और पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था.