GAD ने स्कूलों में कैंप लगा जाति, निवास बनाये जाने दिया था आदेश, नतीजा रहा शून्य, अब सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों को भी शामिल करने उठी मांग

Update: 2022-07-07 12:20 GMT

रायपुर 7 जुलाई 2022।  सामान्य प्रशासन विभाग ने स्कूलों में ही बच्चो के स्थायी जाति व निवास प्रमाण पत्र बनवाने के निर्देश जारी किए थे। पर निर्देशो के परिपालन में अब तक प्रदेश के किसी भी स्कूल में जाति व निवास बनाया जाना शुरू नही किया जा सका है। जिससे छात्र-छात्राएं अब भी भटकने को मंजूर है। दूसरी तरफ सामान्य वर्ग के छात्र-छात्राओं के भी स्कूल में ही निवास प्रमाण पत्र बनवाने की भी मांग उठने लगी है।

शासन के संज्ञान में यह बात आई थी कि प्रदेश में अध्ययनरत अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं के स्थायी जाति व निवास प्रमाण पत्र बनने में कठिनाई हो रही है। जिसके कारण उन्हें उच्च शिक्षा व शासकीय सेवाओं में नियुक्ति के लिए आवेदन भरने में कठिनाई हो रही है।

राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग सचिव डॉक्टर कमलप्रीत सिंह ने उक्त सम्बंध में सभी शासकीय, निजी शालाओं के अतिरिक्त केंद्रीय बोर्ड की शालाओं में छठवीं से लेकर बारहवीं तक अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए विशेष अभियान चला कर स्थायी जाति व निवास प्रमाण पत्र बनवाने के निर्देश जारी किये थे। पर स्कूल खुलने के लगभग 20 दिनों बाद भी प्रदेश के किसी भी स्कूल में जाति व निवास प्रमाण पत्र बनना शुरू नही हो सका है। जिसके चलते विद्यार्थी अब भी तहसीलों में भटकने को मजबूर हैं।

दूसरी तरफ केंद्र सरकार के आदेश के परिपालन में छात्रवृत्ति देने के लिए यह नियम बना दिया गया है कि तहसीलदार द्वारा जारी किए गए जाति निवास आय प्रमाण पत्र को ही मान्य किया जाना है ऐसे में छात्र छात्राओं के साथ ही उनके परिजन भी परेशान हो रहे हैं और शिविर लगाने की मांग कर रहें हैं।

इसके साथ ही सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को भी इस योजना में शामिल कर स्कूलों में ही उनका निवास प्रमाण पत्र बनाये जाने की मांग भी अब उठने लगी है। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के पालको का कहना है कि हमें भी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है। जब सभी वर्गों को सुविधा प्रदान की जा रही है तो सिर्फ हम ही क्यो अछूते रहे। वैसे भी हमारी संख्या गिनती मात्र की हैं लिहाजा शासन को अलग से कोई विशेष प्रयत्न नही करने पड़ेंगे।

सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे का कहना है कि "सामान्य वर्ग के बच्चों को भी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है और वह भी स्कूल में पढ़ते हैं जब शिविर आयोजित करके जाति और निवास प्रमाण पत्र बनाया ही जा रहा है तो इसमें निवास प्रमाण पत्र के लिए सामान्य वर्ग के बच्चों को भी शामिल कर लेना था क्योंकि इस आदेश में नहीं लिखा है तो विभाग के जो अधिकारी कर्मचारी आएंगे वह नहीं बनाएंगे । इसमें निवास प्रमाण पत्र में सामान्य वर्ग के बच्चों को भी शामिल करना था , हमने यह निर्देश जारी होते ही इस विषय को सामने लाया था लेकिन अभी तक कोई संशोधित आदेश जारी नहीं हुआ है जरूरत है इस बात की कि अधिकारी विषय की गंभीरता को समझें और सामान्य वर्ग के बच्चों को भी इसमें शामिल करें ताकि उन्हें भी निवास प्रमाण पत्र प्राप्त हो सके".

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