राहुल के रेस्क्यू पर फिल्म: सीएम भूपेश बघेल ने रेस्क्यू टीम को किया सम्मानित, कहा- ऑपरेशन पर डॉक्यूमेंटरी फिल्म बनाएं

राज्योत्सव पर राहुल साहू के साथ-साथ पूरी रेस्क्यू टीम को फिर से सम्मानित किया जाएगा।

Update: 2022-06-16 10:43 GMT

रायपुर, 16 जून 2022। देश के सबसे बड़े 104 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन में 10 साल के मासूम राहुल साहू को सकुशल बाहर लाने वाली रेस्क्यू टीम को सीएम भूपेश बघेल ने गुरुवार को सीएम हाउस में सम्मानित किया। बेहद गौरवपूर्ण माहौल में हुए इस आयोजन में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि इस टीम ने जो मुश्किल काम कर दिखाया है, उन्हें एक बार सम्मानित करने से मन नहीं भर रहा, इसलिए उन्होंने राहुल साहू के साथ पूरी टीम को राज्योत्सव में एक बार फिर सम्मानित करने का ऐलान किया।

साथ ही, जनसंपर्क विभाग को राहुल के रेस्क्यू ऑपरेशन पर एक डॉक्यूमेंटरी फिल्म बनाने के लिए कहा, जिससे लोगों को भी यह पता चल पाए कि कितनी मुश्किलों और चुनौतियों के बाद राहुल को बाहर निकाला जा सका। सीएम ने कहा कि इस फिल्म से भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए भी सीख मिलेगी। सीएम बघेल ने जिला प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ, सेना और पुलिस के जवानों सहित इस ऑपरेशन में सहयोग देने वाले लोगों को सम्मानित किया।


सीएम ने कहा, 'राहुल की पढ़ाई, लिखाई और उसके चिकित्सा का पूरा खर्च राज्य शासन द्वारा वहन किया जाएगा। मैं पूरी रेस्क्यू टीम और प्रदेश और देश की जनता के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता हूं, जिन्होंने राहुल के शीघ्र रेस्क्यू के लिए दुआ की। आप सभी की सूझबूझ, मेहनत, लगन और हौसलों ने काम किया। सभी का लक्ष्य एक ही था, राहुल को बचाना और वह पूरा हुआ।'


सीएम ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में भी आप सभी डटे रहे। कड़ी धूप में, खुले मैदान में लगातार संघर्ष करते रहे। ईश्वर ने राहुल में कुछ कमी कर दी है, लेकिन दूसरी ओर कुछ खासियत भी दी है। राहुल की हिम्मत और संतोष ने बहुत बड़ा काम किया है। राहुल की पढ़ाई-लिखाई और इलाज का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। स्पीच थेरेपी, श्रवण यंत्र लगवाने की जरूरत होगी तो उसका खर्च भी राज्य सरकार उठायेगी। मैं रेस्क्यू ऑपरेशन की पूरी टीम को बधाई देता हूं।


सीएम ने कहा कि रेस्क्यू टीम के सामने चुनौती बहुत बड़ी थी पर हिम्मत और जोश में कोई कमी नहीं थी। जहां आवश्यकता थी वो सारे लोग उपस्थित रहे, मशीनरी उपलब्ध होती गयी। जैसे ही सूचना मिली सारी टीम, जो भी एक्सपर्ट थे सभी को सूचना दी गई। रेस्क्यू ऑपरेशन में 5 दिन तक लगातार 24 घंटे काम करते हुए आप थके नहीं। रेस्क्यू टीम के लोगों ने जिस लगन और समर्पण भाव से काम किया है, निश्चित रूप से जितनी प्रशंसा की जाए कम है। संकट कभी बता कर नहीं आता और भी रेस्क्यू हुए हैं परंतु यह 104 घंटे का सबसे लंबा ऑपरेशन हुआ। कार्यक्रम में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, विधायक रामकुमार यादव, डीजीपी अशोक जुनेजा, एसीएस सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव मनोज कुमार पिंगुआ, सीएम के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, सेना के ब्रिगेडियर विगनेश मोहंती, आयुक्त जनसंपर्क दीपांशु काबरा, बिलासपुर आईजी रतनलाल डांगी, एसडीआरएफ के डायरेक्टर मयंक श्रीवास्तव, जांजगीर-चांपा के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, एसपी विजय अग्रवाल, संचालक जनसंपर्क सौमिल रंजन चौबे सहित रेस्क्यू टीम के सदस्य उपस्थित थे।


इससे पहले जांजगीर-चांपा के कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने पूरे रेस्क्यू अभियान की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कहा था कि राहुल को सकुशल निकालना है। राहुल को हर हाल में बाहर निकालना है। रेस्क्यू ऑपरेशन में जिन संसाधनों की जरूरत होगी, वो उपलब्ध कराए जाएंगे। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने मोर्चा संभाला। सेना की टीम भी मौके पर पहंुची। बचाव दल के रास्ते में अनेक कठिनाइयां आई, सुरंग के रास्ते में चट्टान आई। बोरवेल के अंदर जहरीला सांप भी था। मुख्यमंत्री लगातार बचाव कार्य का अपडेट लेते रहे। बचाव कार्य के दौरान आसपास के गांव वालों ने आगे बढ़कर दल का सहयोग किया।


बिलासपुर आईजी डांगी ने कहा कि इस अभियान ने साबित कर दिखाया कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया। हम लगातार एक-दूसरे से बात कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने राहुल की दादी से वादा किया था कि हम तुम्हारे नाती को वापस लाएंगे। इसी वादे से हमें भी हिम्मत मिली। उन्होंने बताया कि परिस्थितियां चुनौती भरी रहीं, लेकिन मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन से देश का सबसे बड़ा ऑपरेशन सफल हुआ। जांजगीर-चांपा के एसपी विजय अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन और राहुल की हिम्मत से यह ऑपरेशन सफल हुआ। मुख्यमंत्री रेस्क्यू टीम को लगातार हौसला दे रहे थे। रेस्क्यू टीम को सहयोग देने के लिए बिलासपुर, रायगढ़, कोरबा से टीम आई। बचाव के कार्य में प्राइवेट फिल्ड के लोगों ने बहुत मदद की।


जनसंपर्क संचालक सौमिल रंजन चौबे ने कहा कि जनसम्पर्क की टीम ने बिना सोये लगातार काम किया। जनसंपर्क संचालनालय में भी हमारी टीम रातभर जागती रही। आपके मार्गदर्शन में हम लगातार सही और तथ्यपूर्ण जानकारी मीडिया को पहुंचाते रहे। इस अभियान ने पूरे छत्तीसगढ़ को एक सूत्र में पिरो दिया। भावनात्मक रूप से सबको जोड़ दिया।


सहायक जनसम्पर्क अधिकारी कमलज्योति जाहिरे और उनकी टीम ने 72 घंटे बिना थके और बिना सोये काम किया। सीएमओे ट्विटर हैंडल से 100 से भी अधिक ट्विट किए गए जो, किसी भी न्यूज चैनल की ब्रेकिंग से ज्यादा है। हमने इस अभियान में लगातार न्यूज चैनलों को सकारात्मक और सच्ची खबरें पहुंचाई। 104 घंटे के इस अभियान ने छत्तीसगढ़ को एक धागे में पिरोया। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में ऑपरेशन सफल हुआ। कार्यक्रम में रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी टेक्नीकल टीम, लाईट, टेंट, जनरेटर, वेल्डिंग मशीन, गैस कटर, मशीनरी लेबर प्रोवाईडर, बोरवेल कैमरा सेटअप संचालक, ड्रीलिंग, पोकलेन चलाने वाले, एसईसीएल की रेस्क्यू टीम और फूड प्रोवाईडर्स को भी सम्मानित किया गया।

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