चला गया फ़िल्म पत्रकारिता का अनूठा चितेरा..जयप्रकाश चौकसे के देहावसान से शोक..

Update: 2022-03-02 13:44 GMT

इंदौर 2 मार्च 2022. जाने-माने फिल्म समीक्षक जय प्रकाश चौकसे का निधन हो गया है। इंदौर में उन्होंने आखिरी सांस ली. पिछले हफ्ते उन्होंने अपने लोकप्रिय कॉलम 'परदे के पीछे' की अंतिम किस्त लिखी थी। बीते कुछ वक्त से वह बहुत ज्यादा बीमार चल रहे थे। जय प्रकाश 83 साल के थे और अभी अपने परिवार के साथ इंदौर में रह रहे थे। जय प्रकाश चौकसे के निधन की खबर सुनकर पूरी फिल्म इंडस्ट्री और पत्रकारिता जगत में शोक का माहौल है।

दरअसल जय प्रकाश चौकसे के पिछले लेख का शीर्षक इस प्रकार था. प्रिय पाठकों… यह विदाई है, अलविदा नहीं, विचार की शक्ति चमकने पर मैं फिर मिल सकता हूं, लेकिन संभावनाएं शून्य हैं। जय प्रकाश चौकसे के निधन से उनके प्रशंसकों को गहरा दुख ह। जानकारी के मुताबिक बुधवार सुबह करीब 8.15 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे पिछले काफी वक्त से गंभीर बीमारी से पीड़ित थे। उनके चाहने वाले उन्हें 'सिनेमा का एनसाइक्लोपीडिया' कहते थे। उन्होंने बुधवार सुबह 83 साल की उम्र में इंदौर में अंतिम सांस ली। उन्होंने उपन्यास 'दराबा', 'महात्मा गांधी और सिनेमा' और 'ताज बेकरारी का बयान' लिखा. 'उमाशंकर की कहानी', 'मनुष्य का मस्तिष्क और उसकी अनुकृति कैमरा' और 'कुरुक्षेत्र की कराह' उनकी कहानियां हैं।


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