खाद पर खलबली: केंद्र ने मांग की तुलना में कम आपूर्ति की, अप्रैल-मई में 1.09 लाख टन कम यूरिया मिला; राज्य सरकार ने कहा...

खाद की आपूर्ति पर राज्य सरकार व केंद्र के बीच फिर से विवाद गरमाने के आसार।

Update: 2022-06-10 07:20 GMT

रायपुर, 10 जून 2022। छत्तीसगढ़ में खाद की आपूर्ति पर फिर विवाद गरमाने के आसार हैं। कृषि विभाग की डिटेल के मुताबिक राज्य सरकार की ओर से जितनी मांग की गई थी, उससे कम आपूर्ति की गई है। अप्रैल-मई में 1.09 लाख टन कम यूरिया मिला है। राज्य सरकार ने किसानों को आश्वस्त किया है कि किसानों को समय पर खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए हरसंभव कोशिश की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक अप्रैल व मई में राज्य को यूरिया की कुल आपूर्ति 3.29 लाख टन होनी थी, लेकिन केवल 2.20 लाख टन यूरिया ही प्राप्त हुआ। यूरिया के वितरण का संपूर्ण नियंत्रण भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय द्वारा किया जाता है। यूरिया की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरुद्ध 62 प्रतिशत है। इसी प्रकार राज्य में एनपीके की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरुद्ध 30 प्रतिशत, डीएपी की उपलब्धता 39 प्रतिशत, पोटाश की उपलब्धता 35 प्रतिशत है। आगामी दिनों में समय पर उर्वरक न मिलने से इनकी कमी हो सकती है।

गौरतलब है कि खरीफ 2022 हेतु छत्तीसगढ़ द्वारा केंद्र से कुल 13.70 लाख टन उर्वरकों की मांग की गई है, जिसका अनुमोदन भारत सरकार द्वारा दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा उर्वरकों की कुल मांग में से यूरिया 6.50 लाख टन, डीएपी 3 लाख टन, पोटाश 80 हजार टन, एनपीके 1.10 लाख टन एवं सुपरफास्फेट 2.30 लाख टन शामिल है।

राज्य सरकार द्वारा किसानों को सहकारी संस्थाओं के माध्यम से अग्रिम उठाव करवाने, पीओएस मशीन में नियमित एंट्री करवाने और प्राप्त उर्वरक के तेजी से भंडारण व वितरण की व्यवस्था की जा रही है, ताकि राज्य को समय पर उर्वरक प्राप्त करने में समस्या न हो। चूंकि यूरिया के अतिरिक्त अन्य सभी उर्वरकों अधिकांशतः आयातित सामग्री पर आधारित है अतः इनकी व्यवस्था भारत सरकार के माध्यम से ही की जा सकती है।

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