ESI का कमालः श्रमिकों के लिए 11 करोड़ का विटामिन और 10 करोड़ का स्प्रे खरीद डाला, कमिश्नर के रिटायरमेंट से पहले 45 करोड़ की और खरीदी की तैयारी
ESI ka kamal लेबर कमिश्नर के रिटायरमेंट के समय दवाई खरीदी में गड़बड़ी को भांप परचेज कमेटी के 10 में से चार डॉक्टरों ने हाथ खड़ा कर दिया। परचेज कमेटी के हेड डॉ आरके दास भी हट गए। अब सीएस से इसका कंप्लेन किया गया है
रायपुर। छत्तीसगढ़ के रजिस्टर्ड मजदूरों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने वाली ईएसआई ने कमाल कर दिया है। पिछले फायनेंसियल ईयर में 34 करोड़ की दवाइयां खरीदी, उसमें 11 करोड़ का बी कांम्पलेक्स, मल्टी विटामिन और 10 करोड़ का पेन कीलर और स्प्रे खरीद डाला। तीन महीने पहले मार्च में खरीदी गई दवाइयां अभी खतम नहीं हुई कि और 45 करोड़ की दवाइयां खरीदने के लिए ईएसआई ने नियम-कायदों को ताक पर रख पूरी ताकत झोंक दी है। उसकी वजह यह है कि लेबर कमिश्नर अमृत खलको इसी महीने 31 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है, रिटायमेंट से पहले वे खरीदी करके जाना चाहते हैं। चीफ सिकरेट्री से इसकी शिकायत की गई है ईएसआई ने अधिकांश दवाइयां प्रायवेट कंपनियों से खरीदी है ताकि ज्यादा-ज्यादा कमीशन मिल सकें।
दवा खरीदी में व्यापक गड़बड़ियों की आशंका से 10 सदस्यीय परचेज कमेटी में से दो सीनियर डॉक्टरों समेत चार सदस्यों ने कमेटी में रहने से हाथ खड़ा कर दिया है। 10 जुलाई की कमेटी की बैठक में चार डाक्टर बीमारी का हवाला देकर नहीं आए। उधर, कमेटी के हेड डॉ0 आरके दास ने भी असमर्थता जता दी। इसके बाद परचेज कमेटी बदला गया। डॉ0 राजेश डेगन को हेड बनाया गया। पिछले बार 34 करोड़ की खरीदी भी विभाग ने सरकारी दवा कंपनियों को छोड़ प्रायवेट कंपनियों से किया और इस बार वैसा ही कुछ खेल करने की तैयारी की जा रही है।
बता दें, छत्तीसगढ़ में पांच लाख रजिस्टर्ड लेबर हैं। इनके लिए केंद्र से बजट आता है। राज्य का लेबर विभाग विभिन्न औषधालयों के जरिये उन्हें चिकित्सा सुविधाओं के साथ ही दवाइयां मुहैया कराता है। आमतौर पर मजदूरों के लिए सर्दी, खांसी, बुखार, सिर दर्द आदि तकलीफों की दवाइयां ज्यादा खरीदी जाती है। जब तक सोनमणि बोरा या उनके बाद अलेक्स पाल मेनन रहे इसी तरह की दवाइयां खरीदी गई। खरीदी भी हर साल 25 करोड़ के आसपास होती थी। वो भी अधिकांश सरकारी दवा कंपनियों से। मगर अमृत खलको के लेबर कमिश्नर बनने के बाद पिछले बार भी सारी खरीदी प्रायवेट कंपनियों से की गई। जबकि, सरकारी और प्रायवेट कंपनियों के रेट में काफी फर्क है। डायबिटीक की सरकारी कंपनियों में जिन दवाइयों का रेट 15 पैसे है, उसे प्रायवेट से 35 रुपए में लिया गया। उसमे भी जरूरी दवाओं को छोड़ उन दवाइयों की खरीदी ज्यादा की गई, जिनमें भारी भरकम कमीशन मिलता है।
ईएसआई के सेटअप के अनुसार कमिश्नर आईएएस होते हैं मगर डायरेक्टर डॉक्टर को बनाया जाता है। मगर दो साल पहले डायरेक्टर के रिटायर होने के बाद प्रमोशन कर किसी को डायरेक्टर नहीं बनाया गया। अमृत खलको लेबर कमिश्नर के साथ ईएसआई के डायरेक्टर का चार्ज भी अपने पास रख लिया। खरीदी का खेल को अंजाम देने एक डॉक्टर को इंचार्ज डायरेक्टर बना दिया गया। सूत्रों ने npg.news को बताया कि रिटायरमेंट से पहले 45 करोड़ की दवा खरीदी के लिए खलको बेहद जल्दी में हैं।
डायरेक्टर, कमिश्नर और सचिव तीनों चार्ज खलको के पास
सिकरेट्री रैंक के आईएएस अमृत खलको राजभवन के सचिव तो हैं ही लेबर विभाग का तीनों चार्ज उन्हीं के पास है। ईएसआई के डायरेक्टर की हैसियत से कमिश्नर को प्रस्ताव भेजते हैं। कमिश्नर और सचिव के रूप में उसे मंजूरी देते हैं। पहले तीनों अलग-अलग होते थे। डायरेक्टर हमेशा डॉक्टर को बनाया जाता है। कमिश्नर और सिकरेट्री अलग-अलग आईएएस होते थे।
इस बारे में लेबर कमिश्नर अमृत खलको का पक्ष जानने के लिए उनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया। मगर उनसे बात नहीं हो पाई।
NGP News के पास दवा खरीदी से संबंधित उपलब्ध दस्तावेजों के अनुसार 34 करोड़ में से लगभग साढ़े 11 करोड़ रुपये की विटामिन की दवा खरीदी गई है। वहीं, दर्द निवारक क्रिम और स्प्रे की खरीदी पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च किया गया है। बता दें कि ईएसआईसी (Employees State Insurance Services) में पंजीकृत हितग्राहियों में विभिन्न औद्योगिक संस्थानों में काम करने वाले श्रमिक, स्टाफ और उनके परिजन होते हैं। ऐसे में इतने बड़े पैमाने पर विटामिन की दवा और दर्द निवारक स्प्रे की खरीदी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
केंद्र से आता है दवा खरीदी के लिए पैसा
ईएसआईसी (Employees State Insurance Services) में दवा खरीदी के लिए केंद्र सरकार बजट देती है। दवा की खरीदी पंजीकृत कंपनियों और एजेंसियों के जरिये राज्य का विभाग करता है। केंद्र स्तर पर करीब 200 कंपनियां पजीकृत है। छत्तीसगढ़ में 2022-23 में इनमें से केवल 25 कंपनियों से ही पूरी दवा खरीदी की गई है।
जानिए 2021-22 और 2022-23 में किन दवाओं की हुई खरीदी
छत्तीसगढ़ ईएसआईसी (Employees State Insurance Services) में 2021-22 में 26.70 करोड़ की दवा खरीदी गई थी, जबकि 2022-23 में यह खरीदी बढ़कर सीधे 34 करोड़ पहुंच गई। 2021- 22 में जिन दवाओं की अधिक मात्रा में खरीदी हुई उनमें Paracetamol यह दवा उपयोग सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, गठिया, पीठ दर्द, शरीर में दर्द और बुखार के इलाज के लिए किया जाता है।, Aspirin Tab (हल्के बुखार और दर्द के इलाज के लिए), Hydroxychloriquine (मलेरिया), Antifungal Ointment (फंगल संक्रमण), Vildagliptin (Anti Diabetic products) (टाइप 2 डायबिटीज) Essential Antibiotics (बैक्टीरिया के कारण होने वाली बीमारियों के इलाज में उपयोग होता है), Hysocine Buty Bromide (यह पेट,आंतों,मूत्राशय और मूत्रनली की मांसपेशियों में होने वाले क्रैम्प) शामिल हैं।
वहीं, 2022-23 में जिन दवाओं की खरीदी की गई उनमें मुख्य रुप से B-complex, Pro-Biotoc & Multi Vitamins, Ointments, Pain Killer External Spray और Pain Killer Gel शामिल है।
जानिए क्या है ईएसआईसी
ईएसआईसी (Employees State Insurance Services) जिसे आम बोलचाल में ईएसआई भी कहा जाता है केंद्र सरकार द्वारा संचालित एक एक बहुआयामी सामाजिक सुरक्षा की योजना है। यह योजना श्रमिक आबादी और उनके आश्रितों को सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए तैयार की गई है। इस योजना के तहत श्रमिक और उसके आश्रितों को चिकित्सा सुविधा और स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाता है। केंद्र सरकार ने इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी राज्य सरकारों को दे रखी है।
राज्य में 22 लाख से ज्यादा हितग्राही
इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ में करीब साढे पांच लाख से अधिक कार्ड बने हैं। इसमें कर्मचारी और उनके परिवारों को मिलाकर हितग्राहियों की संख्या 22 लाख से भी अधिक है।