ED Raid in Chhattisgarh आबकारी अधिकारी भी आए जद में : शराब और होटल कारोबारियों के बाद आबकारी अधिकारियों के यहां छापे

Update: 2023-03-29 07:07 GMT

ED Raid in Chhattisgarh

रायपुर / भिलाई. छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के छापों के संबंध में एक बड़ी खबर आ रही है. शराब और होटल कारोबारियों के यहां छापे के बाद अब ईडी की टीम ने आबकारी अधिकारियों के यहां दबिश दी है. इनमें विशेष सचिव एपी त्रिपाठी और एडीओ जनार्दन कौरव के नाम सामने आ रहे हैं. त्रिपाठी के भिलाई स्थित निवास पर छापा मारा गया है. वहीं, त्रिपाठी के बेहद करीबी कौरव के यहां भी टीम ने जांच शुरू की है. केडिया डिस्टलरी के जीएम फतेहपुरिया के यहां भी जांच की जा रही है. इसी तरह बिलासपुर में वेलकम डिस्टलरी के चुन्नू जायसवाल के यहां जांच की खबरें आ रही हैं. शराब कारोबार से जुड़े एक दो और नाम सामने आए हैं. हालांकि उनके नाम की पुष्टि नहीं हुई है.

बता दें कि छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने बुधवार को तड़के शराब और होटल कारोबारियों पर छापे मारे हैं. बड़े उद्योगपति कमल सारडा, कोल परिवहन और जमीन के कारोबार से जुड़े लोगों और कुछ अधिकारियों पर छापे के बाद यह दूसरा दिन है. इन छापों के बाद छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा जताई गई आशंका की चर्चा तेज हो गई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चुनाव आते-आते छापे और बढ़ेंगे. 

जो जानकारी सामने आ रही है, उसके मुताबिक मेयर एजाज ढेबर, अनवर ढेबर, शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया, बलदेव सिंह भाटिया, पप्पू बंसल, विनोद बिहारी आदि लोगों के यहां ईडी ने सुबह-सुबह छापेमारी शुरू की है. इनमें ढेबर परिवार के यहां पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का छापा पड़ चुका है, जिसके आधार पर ही ईडी द्वारा आगे जांच की बात कही जाती है. इन छापों के बाद प्रदेश में एक बार फिर राजनीति गरमाने के आसार हैं, क्योंकि ईडी की कार्रवाई में कुछ नेताओं को भी निशाना बनाने की चर्चा है.

बता दें कि एक दिन पहले ही सीएम भूपेश बघेल ने इस बात को लेकर नाराजगी जताई थी कि मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड और कर्नाटक जैसे राज्य जहां भाजपा की सरकार है, वहां ईडी क्यों छापे नहीं मारती? महाराष्ट्र में जब शिवसेना कांग्रेस की सरकार थी, तब ईडी के छापे पड़ रहे थे, लेकिन जैसे ही विधायकों की खरीद फरोख्त हुई और सरकार बदली, वहां छापे बंद हो गए. सीएम इससे पहले भी ईडी छापों को लेकर यह कहते रहे हैं कि चुनाव आते आते तक छापे पड़ते रहेंगे.

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