डिप्टी जेलर ने अपने डीआईजी केके गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने हाईकोर्ट में लगाई रिट, डीजीपी, डीजी, आईजी, एसपी को बनाया पार्टी, रिट हुई स्वीकृत

Update: 2021-11-16 07:53 GMT

रायपुर, 16 नवंबर 2021। जेल विभाग में अजब-गजब हो रहा है....सहायक जेल अधीक्षक कैडर के डिप्टी जेलर अपने ही विभाग के डीआईजी और रायपुर सेंट्रल जेल के वरिष्ठ अधीक्षक केके गुप्ता के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। डिप्टी जेलर ने हाईकोर्ट में डीआईजी के खिलाफ एफआईआर दायर करने की रिट लगाई है। रिट स्वीकृत हो गई है। रिट में आरोप लगाया गया है कि वे 24 नवंबर 2016 से बिना आदेश रायपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक पद पर हैं।

बताते हैं, केके गुप्ता ने 93 में जेल बिलासपुर जेल अधीक्षक रहने के दौरान नियमों के खिलाफ जाकर एक ड्राईवर की नियुक्ति की थी। जबकि, ये अधिकार सिर्फ डीजी जेल को है। रिट में आरोप है कि गुप्ता ने ड्राईवर की सिर्फ नियुक्ति ही नहीं की बल्कि उसका निधन होने पर उसके बेटे को भी उसी पद पर नियुक्ति दे दी।

डिप्टी जेलर शत्रुघ्न कुर्रे ने इसे अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर गुप्ता द्वारा नियुक्ति बताया गया है। हाईकोर्ट में दाखिल रिट में उसने आरोप लगाया है कि सीनियर अधिकारियाों को कई बार लिखित में देने के बाद भी किसी भी स्तर पर कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने मामले की जांच करने के लिए डीजीपी, डीजी, आईजी, एसपी सभी से आग्रह किया कि इस मामले में कार्रवाई की जाए। चूकि, डीआईजी के खिलाफ कोर्ट कार्रवाई नहीं हो पाई। लिहाजा, डिप्टी जेलर ने डीआईजी केके गुप्ता के साथ ही डीजीपी, डीजी, आईजी, एसपी को पार्टी बनाया है। केके गुप्ता जेल अधीक्षक के साथ ही जेल मुख्यालय में डीआईजी हैं। रिट में इस पर भी सवाल उठाते हुए गैर कानूनी बताया गया है। रिट में आरोप लगाया गया है कि वे 24 नवंबर 2016 से बिना आदेश रायपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक पद पर हैं। हाईकोर्ट में 12 नवंबर को रिट स्वीकृत हो गई।

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