दिल्ली को अब LG नहीं चुनी हुई सरकार चलाएगी, SC का बड़ा फैसला, ट्रांसफर-पोस्टिंग पर भी दिल्ली सरकार का अधिकार

Update: 2023-05-11 07:00 GMT

नईदिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के बॉस को लेकर बड़ा फैसला किया है। अब दिल्ली को चुनी हुई सरकार ही चलाएगी। ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर सारे फैसले अब उप राज्यपाल नहीं वहां की सरकार करेगी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्राजूड़ के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने ये फैसला सुनाया है।

चीफ जस्टिस ने संवैधानिक बेंच का फैसला सुनाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार की शक्तियों को सीमित करने के लिए केंद्र की दलीलों से निपटना जरूरी है। एनसीडीटी एक्ट का अनुच्छेद 239एए विस्तृत अधिकार परिभाषित करता है। यह अनुच्छेद विधानसभा की शक्तियों की समुचित व्याख्या करता है। इसमें तीन विषयों को सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखा गया है।

CJI ने कहा, हमारे सामने सीमित मुद्दा यह है कि केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली में सेवाओं पर किसका नियंत्रण होगा? 2018 का फैसला इस मुद्दे पर स्पष्टता प्रदान करता है लेकिन केंद्र द्वारा उठाए गए तर्कों से निपटना आवश्यक है। अनुच्छेद 239AA व्यापक सुरक्षा प्रदान करता है। 

पांच जजों की थी पीठ ने कहा, आमतौर पर जब केंद्र और दिल्ली में एक ही दल की सरकार रही तो तनातनी के मामले सामने नहीं आते थे। लेकिन दिल्ली में आम आदमी पार्टी का आरोप रहा है कि केंद्र सरकार की तरफ से एलजी दफ्तर की तरफ से अनावश्यक हस्तक्षेप किया जाता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया और माना कि नौकरशाहों पर उसका नियंत्रण होना चाहिए। कोर्ट ने ये भी कहा कि एलजी को सरकार के साथ हर फैसले के लिए सरकार से बात करनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार अन्य राज्यों की तरह लोगों के प्रति जवाबदेह है, लेकिन उसके अधिकार कम है। 

अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर लिखा, 'दिल्ली के लोगों के साथ न्याय करने के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का तहे दिल से शुक्रिया। इस निर्णय से दिल्ली के विकास की गति कई गुना बढ़ेगी। जनतंत्र की जीत हुई।' कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री ने आज ही सचिवालय में मंत्रियों की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि सुपीम कोर्ट से मिले अधिकार के बाद सरकार कुछ अहम फैसले ले सकती है


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