DA के लिए हड़ताल: जनसंपर्क अधिकारी संघ ने दी नोटिस, फेडरेशन 12 प्रतिशत DA बढ़ोतरी की मांग पर अड़ा, महासंघ ने खुद को किया अलग
रायपुर। महंगाई भत्ते में 6 प्रतिशत डीए की बढ़ोतरी का आदेश जारी होते ही अधिकारी कर्मचारी संघठनों में नाराजगी है। ऐसे में छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन 12 प्रतिशत महंगाई भत्ता बढ़ाने के पीछे अड़े हुए हैं और अपनी मांगों को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल की तैयारी में है। जनसंपर्क अधिकारी संघ ने भी अपनी दो सूत्रीय मांगो को लेकर हड़ताल का समर्थन किया हैं और हड़ताल में जाने की सूचना नोटिस जारी कर जनसंपर्क सचिव को भेज दी है। वहीं दूसरी तरफ अधिकारी कर्मचारी महासंघ ने इस हड़ताल में शामिल होने से खुद को अलग रखा है। महासंघ ने आज प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 22 अगस्त से होने वाली हड़ताल में शामिल नहीं होने की जानकारी दी है।
महासंघ के प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ से सम्बद्ध शासन से मान्यता एवम गैर मान्यता प्राप्त 32 कर्मचारी, अधिकारी संगठन के सदस्य मुख्यमंत्री से 13 अगस्त को मंत्रालय के अधिकारियों की उपस्थिति में महंगाई भत्ता, गृह भाड़ा भत्ता, सहित अन्य सभी मांगों पर चर्चा व सहमति बनी थी। इसी के आधार पर जारी आदेश गृह भाड़ा भत्ता के पुनरीक्षण की चल रही प्रक्रिया के कारण आगामी 22 अगस्त से कुछ संगठनों द्वारा की जाने वाली हड़ताल में किसी भी प्रकार से सम्मलित नहीं होंगे। मुख्यमंत्री ने हड़ताली संगठनों के कर्मचारी नेताओं को 14 अगस्त को साफ कह दिया दिया था कि हड़ताल से सरकार डरने वाली नहीं है। साथ ही साथियों हड़ताली संगठन के नेता कर्मचारियों को गुमराह कर 12% डीए के लिए नहीं बल्कि आधा या एक प्रतिशत महंगाई भत्ता में वृद्धि कराकर अपनी अस्मिता एवम अस्तित्व बचाना चाहते हैं। ये मैं स्वयं नहीं कह रहा हूं बल्कि उनके नेता स्वयं सोसल एवम प्रिन्ट मीडिया में कह चुके हैं जिसे प्रदेश के अधिकांश अधिकारी एवम कर्मचारी साथियों ने पढ़ा व सुना है।
वहीँ, छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के दवारा आज जारी प्रेस विज्ञप्ति में फेडरेशन के संयोयक कमल वर्मा, वन राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश मिश्रा, प्रांताध्यक्ष आर के रिछारिया, बीपी शर्मा, राजेश चटर्जी,अजय तिवारी,चंद्रशेखर तिवारी, संजय सिंह एवं रोहित तिवारी का कहना है कि फेडरेशन के आंदोलन केंद्र के समान देय तिथि से 34 % डी ए तथा सातवे वेतन में एच आर ए के लिए था। उन्होंने बताया कि 30 मई 2022 को फेडरेशन के द्वारा मुख्य सचिव को जिला कलेक्टर एवं तहसीलदार के माध्यम से चार चरणों में आंदोलन करने का नोटिस दिया गया था। शासन को दिये गये नोटिश के अनुसार ही दिनांक 29 जून 2022 को पूरे प्रदेश के अधिकारी एवं कर्मचारी एक दिन के सामूहिक अवकाश पर रहे। लेकिन शासन द्वारा सकारात्मक पहल नहीं होने के कारण 25 से 29 जुलाई 2022 तक 5 दिनों का निश्चित कालीन आंदोलन किया गया था। शासन द्वारा सकारात्मक पहल नही किये जाने से कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की विधिवत सूचना मुख्य सचिव को दिया था। हड़ताल के सूचना के पश्चात् सामान्य प्रशासन द्वारा चर्चा हेतु दो बार आमंत्रित किया गया था। फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधी मंडल ने कर्मचारियों का पक्ष सचिव स्तर के अधिकारियों के समक्ष सुझाव सहित रखा था। जिसपर सहमति व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री से अंतिम चर्चा कराने का आश्वासन दिया गया था। लेकिन साजिशपूर्ण तरीके से कर्मचारियों के हड़ताल को तोड़ने के नियत से चक्रव्यूह बनाकर 6 % डी ए कर्मचारियों को देने का प्लान बनाया गया। जिसमें शिखंडी के आड़ में कर्मचारियों के मुद्दों का वध किया गया है।
उन्होंने बताया कि केन्द्र के समान 34 % मंहगाई भत्ता एवं सातवे वेतन में गृहभाड़ा भत्ता की घोषणा नही किये जाने के कारण फेडरेशन की आपात बैठक में शासन को पूर्व सूचना अनुसार दिनांक 22 अगस्त 2022 से अनिश्चित कालीन आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया जाकर शासन से मंहगाई भत्ते की घोषणा पर फेडरेशन की मांग अनुरूप पुर्नविचार करने की अपील की गई है। लेकिन शासन द्वारा फेडरेशन की अपील पर कोई कार्यवाही न करते हुए 16 अगस्त 2022 को 6 प्रतिशत् मंहगाई भत्ता 01 अगस्त 2022 से दिये जाने के आदेश जारी किया गया है। जोकि कर्मचारियों के अपेक्षा अनुसार नहीं है। साथ ही सातवे वेतन पर गृहभाड़ा भत्ता का आदेश जारी नहीं होने के कारण कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन द्वारा पूर्व सूचना अनुसार 22 अगस्त से अनिश्चित कालीन आंदोलन को यथावत रखने का निर्णय लिया है।